पेरिस| सूचना एवं प्रसारण और खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत को एक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म शूटिंग गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए कई पहलों की घोषणा की। मंत्री भारत को एक प्रमुख वैश्विक कंटेंट सेंटर बनाने पर जोर देते रहे हैं। उन्होंने भारत में विदेशी फिल्मों के ऑडियो-विजुअल सह-निर्माण और शूटिंग के लिए एक प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की, जिसमें 30 प्रतिशत यानी नकद प्रोत्साहन 260,000 डॉलर तक सीमित है।
फ्रेंच रिवेरा में बुधवार को मार्चे डू कान्स के भारतीय पवेलियन में स्टार-स्टडेड के उद्घाटन के अवसर पर मंत्री ने अपने भाषण में घोषणा की कि भारत से 15 प्रतिशत या उससे अधिक जनशक्ति को रोजगार देने वाली फिल्म इकाइयों को अतिरिक्त 5 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रुपये (65,000 डॉलर) तक दिया जाएगा।
मंत्री ने ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘दीवार’ में मशहूर शशि कपूर के डायलॉग की तर्ज पर कहा, “हमारे पास सिर्फ फिल्म उद्योग नहीं, हमारे पास सिने-मां है!”
उन्होंने कहा, “इस साल भारत वैश्विक दर्शकों को भारत की सिनेमाई उत्कृष्टता, तकनीकी कौशल, समृद्ध संस्कृति और कहानी कहने की शानदार विरासत का स्वाद देना चाहता है।”
उद्घाटन सत्र राजस्थानी लोक कलाकार मामे खान की प्रस्तुति के साथ शुरू हुई। इसके बाद 53वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के फस्र्ट-लुक पोस्टर का विमोचन हुआ, जिसमें टैगलाइन ‘सेलिब्रेट द जॉय ऑफ इंडिया’ है। यह महोत्सव 20 से 28 नवंबर, 2022 तक गोवा में आयोजित किया जाएगा।
मंत्री ने कहा, “हमारी सदियों पुरानी कहानियों को संरक्षित करते हुए भारतीय फिल्म निर्माता प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से कहानी कहने की कला में नवाचार कर रहे हैं। भारतीय फिल्म उद्योग, जो हर साल लगभग 2,000 फिल्मों का निर्माण करता है, दुनिया का सबसे बड़ा सिनेजगत है।”
मंत्री ने कार्यक्रम में एक और बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा, “हमने राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के तहत दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म बहाली परियोजना शुरू की है। इस अभियान के तहत, विभिन्न भाषाओं में 2,200 फिल्मों को उनके पूर्व गौरव पर बहाल किया जाएगा।”
–आईएएनएस
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