नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को भी अविश्वास प्रस्ताव लाया नहीं जा सका। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इराक में 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि को लेकर निचले सदन में बयान नहीं दे पाईं। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्ष पर नागरिकों के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए संसद में जारी गतिरोध को खेदजनक बताया।
लोकसभा में बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने के बाद से ही गतिरोध बना हुआ है। बजट सत्र का दूसरा चरण पांच मार्च को शुरू हुआ था।
सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू होने के बाद सदन में कामकाज शुरू हुआ। हंगामे के बीच तेलांगना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और अन्नाद्रमुक ने नारेबाजी की और लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास तख्तियां लहराई।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जैसे ही अपना बयान देने के लिए उठीं, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, एआईएमआईएम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्यों ने विरोध करना शुरू कर दिया।
सुषमा ने कहा कि इराकी अधिकारी एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करेंगे, लेकिन वह चाहती थी कि देश को अपने मंत्री के जरिए इस घटना का पता चले।
उन्होंने कहा, “मैं हंगामे के बीच नहीं बोल सकती। यदि सदन में कुछ समय के लिए शांति रहेगी तो मैं लोकसभा में अपना बयान दे सकती हूं।”
इसके पहले वह इस मुद्दे पर राज्यसभा में बयान दे चुकी हैं।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की चेतावनी दी।
महाजन इसके बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और वाईएसआर कांग्रेस के वाई.वी.सुब्बा रेड्डी द्वारा दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही शुरू की।
उन्होंने कहा कि इसपर सदन में तभी चर्चा शुरू हो सकती है, जब सदन में शांति हो। उन्होंने सासंदों से अपनी सीटों पर लौट जाने का आग्रह किया।
महाजन ने कहा, “आप देश की जनता के प्रति संवेदनशील नहीं हैं। यह किस तरह की राजनीति है? आपको अविश्वास प्रस्ताव के लिए भी अपनी सीटों पर जाना होगा।”
सदन में हंगामा जारी रहने के बीच लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
–आईएएनएस
और भी हैं
संभल की घटना पर बोली कांग्रेस, ‘योगी राज में कोई सेफ नहीं’
एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में महायुति को बहुमत, एमवीए को झटका
मध्य प्रदेश की पहली मेडिसिटी का उज्जैन में भूमि पूजन