नई दिल्ली| दिल्ली में ऑक्सीजन रिजर्व बनाया जा रहा है। इस ऑक्सीजन रिजर्व से आपातकालीन हालात में अस्पतालों को ऑक्सीजन आपूर्ति की जा सकेगी। जब दिल्ली के किसी अस्पताल तक ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं पहुंच पाएगी तो दिल्ली सरकार रिजर्व स्टॉक से वहां ऑक्सीजन पहुंचाएगी। इसके तहत दिल्ली में कई जगहों पर ऑक्सीजन रिस्पांस पॉइंट भी बनाए जाएंगे।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने बताया कि राज्य सरकार वर्तमान में मौजूदा 21 हजार बेडों की संख्या को और बढ़ाना चाहती है। इसके लिए अधिक ऑक्सीजन चाहिए। केजरीवाल सरकार ने बेडों की संख्या बढ़ाने की पूरी योजना बना रखी है, बस अधिक ऑक्सीजन का इंतजार है। हालांकि 6 मई को 976 मीट्रिक टन मांग के मुकाबले सिर्फ 577 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही दिल्ली को मिली है।
राघव चड्ढा ने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति एक ऐसी चीज है जिसमें नियमितता और निश्चितता होनी चाहिए। अगर नियमित तौर पर निर्धारित ऑक्सीजन प्लांटों से निरंतर आपूर्ति नहीं की जाएगी तो समस्या हल नहीं हो पाएगी। न्यायालय में हमारी यही मांग थी कि नियमित पर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति होनी चाहिए।
दिल्ली में आईसीयू और नॉन आईसीयू बेड 21000 हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक यदि 21 हजार बेड के आंकड़े को बढ़ाकर 40 हजार बेड पर ले जाना है तो अधिक ऑक्सीजन चाहिए। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में बेड का मतलब सिर्फ खाली गद्दा लगाकर दवाई देना नहीं है। इसमें बेड का मतलब ऑक्सीजन बेड़ से होता है। यानी कि ऑक्सीजन के साथ बेड की व्यवस्था चाहिए, ताकि मरीज को ऑक्सीजन लगाकर जल्द से जल्द ठीक कर सकें। ऑक्सीजन आपूर्ति दिल्ली में जैसे-जैसे बढ़ेगी उतनी ही गति से सरकार बेड बढ़ाएगी।
राघव ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर हम ऑक्सीजन रिजर्व बना रहे हैं। ऑक्सीजन रिजर्व अच्छी खासी संख्या में बनाए जाएंगे। दिल्ली के सभी हिस्सों में स्टॉक बनाए जाएंगे। यह स्टॉक आपातकालीन परिस्थितियों में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए काम आएंगे। जब किसी अस्पताल तक आपूर्ति नहीं पहुंच पाएगी तो दिल्ली सरकार ऑक्सीजन रिजर्व से आपूर्ति करेगी, ताकि ऑक्सीजन की कमी किसी अस्पताल में न हो।
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कोई 300 बेड का बड़ा अस्पताल है। उसको शाम 5 बजे ऑक्सीजन की आपूर्ति मिलनी थी। लेकिन उस कंपनी का टैंकर रास्ते में किसी कारण खराब हो गया और अस्पताल नहीं पहुंच पाया। जब वह टैंकर अस्पताल नहीं पहुंच पाया तो ऑक्सीजन भी नहीं पहुंच पाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों के स्वास्थ्य पर असर पड़ने दिया जाए। ऐसी आपातकालीन परिस्थितियों को दूर करने के लिए केजरीवाल सरकार ने फैसला किया है कि एसओएस ऑक्सीजन रिजर्व बनाए जाएंगे।
–आईएएनएस
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