✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

आरजी कर मामला : सोमवार को देशभर के अस्पतालों में बंद रहेंगी वैकल्पिक सेवाएं

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर। अखिल भारतीय चिकित्सा संघ ने पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में 14 अक्टूबर (सोमवार) को देशभर में ‘वैकल्पिक सेवाओं को बंद’ करने का आह्वान किया है। संगठन कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई युवा चिकित्सक के लिए न्याय की मांग कर रहा है। इससे पहले दिन में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने 15 अक्टूबर को 24 घंटे की देशव्यापी भूख हड़ताल की घोषणा की थी, जबकि कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन नौवें दिन भी जारी रहा और तीन डॉक्टरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के संगठन ने सभी राष्ट्रीय चिकित्सा संघों, राज्य रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) और विभिन्न राज्य मेडिकल कॉलेजों और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (आईएनआईएस) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) को संबोधित एक खुले पत्र में बंद का आह्वान किया। पत्र में कहा गया है कि 9 अगस्त से ‘एफएआईएमए’ हमारी सहकर्मी के लिए न्याय की मांग तथा पूरे देश में सभी स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण के मौलिक अधिकार की मांग में एकजुट है।

इसमें कहा गया है कि पिछले दो महीनों में मंत्रियों और नौकरशाहों को अनगिनत पत्र लिखने के बाद भी, उन्हें ‘वही भयावह वास्तविकताओं’ का सामना करना पड़ रहा है, आवाजों को नजरअंदाज किया जा रहा है, सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है और अपीलें खारिज की जा रही हैं। पत्र में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को लिखे गए उनके पिछले पत्र के बाद से कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई है। पत्र में उन्होंने अपनी मांगें पूरी न होने पर हड़ताल को बढ़ाने का अल्टीमेटम दिया था। यह हमें देशभर के सभी आरडीए और मेडिकल एसोसिएशनों से अनुरोध करने के लिए मजबूर कर रहा है कि वे 14 अक्टूबर से देश भर में वैकल्पिक सेवाओं को बंद करने के हमारे आह्वान में हमारे साथ शामिल हों। इसमें आगे कहा गया है, “हमें किनारे कर दिया गया है, हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है, सिवाय इसके कि हम कोई कदम उठाएं, न केवल अपने लिए, बल्कि चिकित्सा पेशे की पवित्रता और सभी स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए भी।

हम हिंसा या उपेक्षा के कारण एक और सहकर्मी को खोने का जोखिम नहीं उठा सकते। सरकार की उदासीनता ने हमारे पास कोई और विकल्प नहीं छोड़ा है।” हालांकि, पत्र में सभी आरडीए और एसोसिएशनों से अनुरोध किया गया है कि वे आपातकालीन सुविधाएं 24×7 खुली रखें, क्योंकि जिन मरीजों को हमारी तत्काल सेवा की आवश्यकता है, उन्हें परेशानी नहीं होनी चाहिए।

–आईएएनएस

About Author