मुंबई| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अब नॉन-बैंक भुगतान एग्रीगेटर्स को विनियमित करेगा।
इसके अलावा मौजूदा नॉन-बैंक भुगतान एग्रीगेटर्स को प्राधिकृति प्राप्त करने के लिए 30 जून, 2021 तक या इससे पहले तक आवेदन जमा करना होगा।
आरबीआई ने शनिवार को जारी अपने ‘ओवरसाइट फ्रेमवर्क फॉर फायनेंशियल मार्केट इंफ्रास्ट्रक्च र्स एंड रिटेल पेमेंट सिस्टम्स’ में कहा है, “उपभोक्ताओं और यूजर्स के हितों की सुरक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि मध्यवर्ती संस्थाओं द्वारा इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल या ऑनलाइन भुगतान माध्यमों के इस्तेमाल के जरिए किया गया भुगतान उचित रूप में अकाउंटेड हो, बैंकों और भुगतान प्रणाली ऑपरेटर्स के लिए खास दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।”
आरबीआई ने कहा है, “चर्चा पत्र पर प्राप्त फीडबैक के आधार पर और ऑनलाइन भुगतान स्पेस में मध्यवर्ती संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए और फंड के प्रबंधन में भी उनकी भूमिका पर गौर करते हुए भुगतान एग्रीगेटर्स की संपूर्ण गतिविधियों को विनियमित करने का निर्णय लिया गया है।”
–आईएएनएस
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