केन्द्रीय बिजली और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री आर.के. सिंह ने कहा, ‘हम एक टीम हैं और हमें देश के प्रत्येक गरीब के घर में बिजली के कनेक्शन देने के लिए एकजुट होकर कार्य करना चाहिए। गरीबी मुक्त भारत के लिए ऊर्जा तक पहुंच प्रथम आवश्यकता है। ऊर्जा विकास का ईंजन है और कोई भी ऐसा देश विकास नहीं कर सकता, जहां करोड़ों लोग बिजली के बगैर जीवन व्यतीत करते हों।’
मंत्री महोदय आज शिमला में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के बिजली और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
सम्मेलन में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के बिजली मंत्री और सचिव शामिल थे। इस दौरान बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने देश में बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। एक दिवसीय सम्मेलन के दौरान सभी के लिए बिजली, सौभाग्य, आईपीडीएस, उदय और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र जैसे विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श किया गया।
डिस्कॉम को ऊर्जा क्षेत्र का आधार बताते हुए मंत्री महोदय ने राज्यों से डिस्कॉम के नुकसान की भरपाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र की सब्सिडियां प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए दी जानी चाहिए।
राज्यों में बुनियादी ढांचा निर्मित करने पर मंत्री महोदय ने केन्द्र द्वारा मंजूर किए गए कोष का कम उपयोग करने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए आवश्यकता पड़ी तो केन्द्र अधिक निधि देने के लिए तैयार है और तेजी से अपने लक्ष्यों को पूरा करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रीपैड मीटर को गरीबों के अनुकूल बताते हुए श्री सिंह ने कहा कि आज किसी गरीब व्यक्ति के लिए एक समय में एक महीने के बिजली के बिल का भुगतान करना कठिन हो सकता है, लेकिन स्मार्ट प्रीपैड मीटर से वह अपना बिजली का कनेक्शन कटने की चिंता किए बगैर सुविधा अनुसार किश्तों में बिजली के बिल का भुगतान कर सकेगा। इससे गलत बिल बनने की समस्या भी समाप्त होगी।
बिजली क्षेत्र में सुधारों की चर्चा करते हुए बिजली मंत्री ने कहा कि किफायती बिजली महत्वपूर्ण है और इसके लिए ऐसी प्रक्रिया शुरू करने की भी आवश्यकता है, जिससे सबसे अधिक सक्षम संयंत्रों की बिजली का उपयोग पहले किया जा सके। इससे बिजली का मूल्य कम होगा।
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