नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आज वह रेलवे को अब तक का सबसे शक्तिशाली इंजन समर्पित करेंगे। फ्रांसीसी कंपनी ऑल्सटाम के साथ संयुक्त उद्यम के रूप में मधेपुरा में बना रेल इंजन कारखाना भी पीएम मोदी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
12,000 हॉर्स पावर का यह इंजन भारतीय रेलवे का अब तक का सबसे शक्तिशाली इंजन है। इसके साथ ही भारत; रूस, चीन, फ्रांस, जर्मनी के साथ उन देशों की सूची में शामिल हो जायेगा, जिनके पास इस क्षमता का रेल इंजन है। इस परियोजना को तैयार करने में कुल 1300 करोड़ रुपये की लागत आई है।
.@makeinindia के तहत पहला स्वदेशी एयरोडायनेमिक रेल इंजन जो 200 KM प्रतिघंटे की रफ्तार पाने में सक्षम है बन कर तैयार है, इसका निर्माण चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स, पश्चिम बंगाल में हुआ है
.@makeinindia के तहत पहला स्वदेशी एयरोडायनेमिक रेल इंजन जो 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार पाने में सक्षम है बन कर तैयार है, इसका निर्माण चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स, पश्चिम बंगाल में हुआ है pic.twitter.com/ftzdchgwy1
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) November 5, 2018
ये है इंजन की खासियत
1- सर्दियों के कोहरे में भी इसकी रफ्तार काम नहीं होगी।
2- इंजन 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से मालगाड़ी को खींच सकता है।
3- भारी माल ढुलाई के लिए या पहाड़ी इलाकों में चलने वाली ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेलवे को अब दो इंजनों का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा।
4- इस इंजन के साथ यात्री ट्रेन की स्पीड 200 किमी प्रति घंटा होगी।
5- सुरक्षा और संरक्षा की नई तकनीक के चलते इस इंजन के पटरी से उतरने की संभावना बहुत कम है।
6- किसी भी दुर्घटना की स्थिति में इस इंजन में स्वतः इमरजेंसी ब्रेक लग जाएंगे।
7- अब तक भारत में अधिकतम साढ़े तीन हजार टन वजन खींचने वाला इंजन बनता था जबकि मधेपुरा में बने इस इंजन की क्षमता 6000 टन वजन खींचने की है। 8- यह इंजन डीप फॉग वाचिंग डिवाइस से लैस है।
9- इंजन के 90 प्रतिशत पार्ट्स स्वदेशी तकनीक से निर्मित हैं।
10- यह इंजन पूरी सुरक्षा के साथ सभी प्रकार की पटरियों पर दौड़ सकता है।
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