नई दिल्ली: भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत सुपर ऊर्जा सेवा कंपनी – एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने आज नई दिल्ली नगर पालिका परिषद(एनडीएमसी) क्षेत्र में 50,000 पारंपरिक मीटरों की जगह स्मार्ट मीटर लगाने की योजना के पूरे होने की घोषणा की। इसके साथ ही एनडीएमसी भारत की 100% स्मार्ट मीटर समाधान लागू करने वाली पहली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) बन गई है। स्मार्ट मीटर लगाए जाने से जहां राजधानी में उपभोक्ताओं की सुविधा में बढ़ोत्तरी होगी, वहीं उपयोग भी तर्कसंगत बन सकेगा।
माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) – विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा श्री आर.के. सिंह नेदिल्ली के उप राज्यपाल श्री अनिल बैजल, संसद सदस्य श्रीमती मीनाक्षी लेखी, भारत सरकार केविद्युत मंत्रालय के सचिव श्री ए.के. भल्ला, एनडीएमसी के चेयरमैन श्री नरेश कुमार और ईईएसएल के चेयरमैन श्री राजीव शर्मा की मौजूदगी में एनडीएमसी की स्मार्ट मीटर परियोजना का उद्घाटन किया गया।
इसी कार्यक्रम के दौरान एनडीएमसी के मोबाइल एप्लीकेशन-311 में स्मार्ट मीटर फीचर का भी उद्घाटन किया गया, जिससे उपभोक्ता को विभिन्न सेवाएं चुटकियों में हासिल हो पाएंगी। स्मार्ट मीटर का टैब एनडीएमसी के ऐप के मुख्य पृष्ठ पर ही जोड़ा गया है। इस सुगम और उपयोग में आसान ऐप के जरिए उपभोक्ता अब विस्तृत और व्यक्तिगत ब्योरे की मदद से अपनी ऊर्जा संबंधी आदतों और उपभोग के बारे में पूर्ण जानकारी हासिल कर सकेंगे।
अल्प अवधि के अंदर ही 50,000 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं और इन्हें एनडीएमसी आईटी लिगेसी सिस्टम से भी जोड़ा जा चुका है। स्मार्ट मीटर अपनाने से एनडीएमसी को सालाना 12.47 करोड़ रुपये की बचत होगी, जिसमें अतिरिक्त राजस्व भी शामिल है जो बिलिंग दक्षता में बढ़ोतरी की वजह से इसे हासिल होगा। एटीएंडसी हानि अनुमानतः12.63% है (स्रोत: डीईआरसी शुल्क आदेश वित्त वर्ष 2018-19)।
स्मार्ट मीटर व्यापक आधुनिक मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सोल्यूशन (एएमआई) का हिस्सा हैं, जो दिन के विभिन्न समय में उपभोक्ताओं के बिजली उपयोग का आकलन करता है और उसे दर्ज करता है। साथ ही यह वायु तरंगों पर आधारित संचार व्यवस्था के जरिए ऊर्जा आपूर्तिकर्ता को यह सूचना भेजता रहता है। यह उपभोक्ताओं को बेहतर तरीके से सूचना उपलब्ध करवाता है और उन्हें अपने घरों में बिजली के उपयोग के संबंध में ज्यादा जागरुक निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। इससे बिजली की बर्बादी कम होगी, दीर्घकाल में कार्बन उत्सर्जन में कटौती और वित्तीय बचत का भी रास्ता प्रशस्त होगा।
बेहतर शिकायत निवारण, बिजली जाने की घटनाओं के तेज निस्तारन, बेहतर उपभोग स्वरूप के संबंध में जागरुकता और व्यवस्था में स्थायित्व, विश्वसनीयता और पारदर्शिता के जरिए उपभोक्ताओं की संतुष्टि का स्तर बढ़ेगा और इसका लाभ एनडीएमसी को भी होगा।
एनडीएमसी के स्मार्ट मीटर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए माननीय विद्युत राज्य मंत्री श्री आर.के. सिंह ने कहा, “हर व्यक्ति को किफायती बिजली उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। डाटा-एंट्री की खामियों और बिलिंग संबंधी अक्षमताओं को दूर करने और वेब-आधारित निगरानी व्यवस्था के जरिए मैनुअल मीटर रीडिंग की लागत को कम करने जैसे उपायों की मदद से बिजली का सक्षम प्रबंधन सुनिश्चित कर भारत सरकार स्मार्ट मीटर अपनाने के कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ा रही है। स्मार्ट मीटर एटीएंडसी नुकसान को कम करने, डिस्कॉम की सेहत को दुरुस्त करने, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहित करने और बिल भुगतान को आसान करने जैसे व्यापक फायदों के जरिए बिजली क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। इसके अलावा यह कदम युवाओं के लिए कौशल आधारित रोजगार पैदा करेगा। यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक लागू करने के लिए मैं ईईएसएल को बधाई देता हूं।”
इस बारे में एनडीएमसी के चेयरमैन नरेश कुमार ने कहा, “एनडीएमसी ने हमारे राष्ट्रीय ऊर्जा कार्यक्रम के उन्नयन की सरकार की योजना के साथ मिल कर काम करने के इरादे से स्मार्ट मीटर कार्यक्रम को अपनाया है। हमारा लक्ष्य भारत को एक निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सक्षम देश बनने की यात्रा में अहम भूमिका निभाने का है। हमें खुशी है कि हम स्मार्ट मीटर क्रांति की भारत की राह के पथप्रदर्शक बने हैं। 100 प्रतिशत स्मार्ट मीटर लागू करने वाले पहले नगर निगम बनने के बाद अब हमें उम्मीद है कि हम देश के बाकी हिस्सों में भी ऐसी इकाइयों को ऐसे कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकेंगे।”
ईईएसएल के चेयरमैन श्री राजीव शर्मा ने कहा, “ऊर्जा संवहनीयता और स्मार्ट मीटर जैसी भविष्योन्मुखी तकनीक को अपनाने के एनडीएमसी के प्रयासों में सहयोग करने पर हमें प्रसन्नता है। उपभोग और संवहनीय तरीके से विकास के लिए ऐसी सक्षम व्यवस्था पर भरोसा करना बहुत अहम है। स्मार्ट मीटर की मदद से उपभोक्ता अपने उपभोग के स्वरूप और उसकी लागत पर नजर रख सकते हैं, बिजली की बर्बादी को कम कर सकते हैं और लंबी अवधि के दौरान कार्बन में कटौती व वित्तीय बचत कर सकते हैं। स्मार्ट मीटर के आंकड़ों की मदद से बिजली गुल होने का तुरंत पता चल जाता है और सेवा की जल्द बहाली मुमकिन हो पाती है। यह मीटर बिजली उपयोग की एकदम सटीक और रीयल-टाइम सूचना मुहैया करवा कर उन्हें अपनी बिजली के उपयोग संबंधी आदतों के बारे में सही फैसले लेने में मदद करता है।”
ईईएसएल ने परियोजना क्षेत्र में स्मार्ट मीटरिंग (एएमआई) समाधान पर निवेश कर इसका निर्माण किया है। इस व्यवस्था का संचालन और प्रबंधन भी यही करेगा। इससे एनडीएमसी को बिना किसी एकमुश्त वित्तीय निवेश के ही स्मार्ट मीटर का लाभ मिल पाएगा। एनडीएमसी इस रकम का पुनर्भुगतान अपनी ऊर्जा बचत के माध्यम से करेगा, जो बिलिंग दक्षता में बढ़ोतरी, मीटर रीडिंग पर होने वाले खर्च और दूसरी दक्षता से इसे हासिल होगी। इसमें मीटर रीडिंग की लागत का तत्काल समाप्त हो जाना भी शामिल है। यह बचत एनडीएमसी को अपने उपभोक्ताओं के लिए मूल्य आधारित सेवाओं में निवेश करने में सक्षम बनाएगी।
एनडीएमसी की ओर से बड़े स्तर पर स्मार्ट मीटर अपनाया जाना भविष्योन्मुख तकनीक की दिशा में इसका एक अहम कदम है। स्मार्ट मीटर से स्मार्ट ग्रिड की राह खुलती है, क्योंकि इससे जीपीआरएस तकनीक के माध्यम से उपभोक्ता और डिस्कॉम के बीच दोतरफा रीयल टाइम संचार संभव हो पाता है।
भारत सरकार की उज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) के तहत डिस्कॉम के लिए तय किए गए काम-काज के प्रदर्शन के पैमानों में स्मार्ट मीटर लागू करना भी शामिल है। यह योजना एटीएंडसी संबंधी नुकसान को कम करने में मदद करेगी। यह बिजली आपूर्ति की चौबीस घंटे निगरानी में भी मदद करेगी जिसके परिणामस्वरूप क्षमता में बढ़ोतरी होगी और चौबीसों घंटे सातों दिन सभी के लिए बिजली सुनिश्चित होगी। अपने राष्ट्रीय स्मार्ट मीटर कार्यक्रम (एसएमएनपी) के तहत ईईएसएल भारत में 25 करोड़ पारंपरिक मीटरों को स्मार्ट मीटर से बदलने का लक्ष्य रखती है।
ईईएसएल ने अपनी पहली एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (एएमआई) परियोजना हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 50 लाख स्मार्ट मीटर लगाने के साथ शुरू की थी। पहली जमीनी परियोजना वाराणसी में पहले ही शुरू हो चुकी है।
ई-चार्जिंग स्टेशन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
ईईएसएल और एनडीएमसी परिषद ने सार्वजनिक ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर भी दस्तखत किए। यह पहल एनडीएमसी इलाके में एलेक्ट्रिक वाहनों (दो पहिया सहित) को बढ़ावा देने की दिशा में साझेदारी के लिए की गई है।
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