लखनऊ | उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए जा रहे एहतियाती उपायों के बीच मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की घोषणा की। उन्होंने इस आदेश का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया। दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के आयोजन से सतर्क मुख्यमंत्री ने टीम-11 की बैठक में सख्त निर्देश दिए कि सावर्जनिक स्थल पर नमाज कतई न पढ़ने दी जाए। इसके अलावा जो भी जमाती पुलिस व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ असहयोग या बदसलूकी करे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का सौ फीसद पालन कराया जाए। पुलिसकर्मी संवेदनशीलता के साथ लोगों को समझाएं। कानून का पालन न करने पर वैधानिक कार्रवाई करें। योगी ने कहा कि तबलीगी जमात से लौटे हर व्यक्ति को हर हाल में ढूंढ़ निकाला जाए। उसकी पूरी निगरानी हो। जो विदेशी हैं, उनके पासपोर्ट जब्त कर जांच करें। कानून तोड़ा है तो एनडीआरएफ एक्ट के तहत कार्रवाई करें।
योगी ने कहा कि तबलीगी जमात से जुड़े जिन लोगों को क्वारंटाइन किया गया है, उनकी सख्ती से निगरानी करें। सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य के सारे प्रोटोकॉल का उनसे सख्ती से पालन कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर व्यक्ति को भोजन मिले। कोई भूखा नहीं रहना चाहिए। शेल्टर होम अच्छे बनाए जाएं। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन हो। भोजन के साथ एक वक्त चाय भी अवश्य दें। डीएम खुद शेल्टर होम की जिम्मेदारी संभालें।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यूनिसेफ ने 34 काउंसलर भेजे हैं। इन काउंसलरों और विशेषज्ञों की मदद से आश्रयस्थलों में रह रहे लोगों व घरों में अकेले मौजूद बुजुर्गो की काउंसिलिंग कराते रहें। उनके नंबर सभी को उपलब्ध करा दें और संदेश दे दें कि कोई भी किसी वक्त समस्या के लिए इस पर फोन कर सकता है।
–आईएएनएस
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