गाजियाबाद, 11 नवंबर । एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के निदेशक मंडल के सदस्यों सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को भारत की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के तहत दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ने वाले प्रथम आरआरटीएस कॉरिडोर का दौरा किया। भारत एआईआईबी का संस्थापक सदस्य है और लगभग 10.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ इसका वित्त पोषण पोर्टफोलियो सबसे बड़ा है। इस यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल के साथ वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग (डीईए) के अधिकारी और एनसीआरटीसी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने एनसीआरटीसी के गतिशक्ति भवन स्थित कॉर्पोरेट कार्यालय में उनका स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल को परियोजना का विस्तृत विवरण और एनसीआरटीसी द्वारा की गई विभिन्न अभिनव पहलों, परियोजना के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों आदि को शामिल करते हुए एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। प्रतिनिधिमंडल ने साहिबाबाद से दुहाई आरआरटीएस स्टेशन तक नमो भारत ट्रेन में यात्रा की, जहां उन्होंने नमो भारत ट्रेनों की यात्री-केंद्रित विशेषताओं का अनुभव किया।
उन्होंने यात्रियों की विविध आवश्यकताओं और सुविधा पर विस्तृत ध्यान देने के लिए एनसीआरटीसी की प्रशंसा की। उन्होंने विशेष रूप से, महिलाओं की ट्रेन ऑपरेटर, स्टेशन नियंत्रण अधिकारी आदि जैसी विभिन्न भूमिकाओं में उपस्थिति को देखते हुए एनसीआरटीसी की महिला नेतृत्व में निर्देशित विकास की सराहना की। इस यात्रा के दौरान परियोजना के लिए अपनाई जा रही कई अभूतपूर्व तकनीकों का प्रदर्शन भी किया गया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने इस परिवर्तनकारी गतिशीलता समाधान के लिए एलटीई बैकबोन पर ईटीसीएस-2 सिग्नलिंग जैसी नवीनतम तकनीकों के सफल कार्यान्वयन सहित इन अभिनव तकनीकों को अपनाने के लिए एनसीआरटीसी टीम की सराहना की। प्रतिनिधि इस परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान प्राप्त ज्ञान और अनुभव को भारत और विदेश दोनों में इंडस्ट्री के साथ साझा करने के लिए एनसीआरटीसी टीम की पहलों के बारे में जानने के लिए उत्सुक थे। उन्होंने एनसीआरटीसी द्वारा आयोजित विभिन्न हितधारक कार्यक्रमों में भी रुचि व्यक्त की। एआईआईबी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए प्राथमिक वित्तीय साझेदारों में से एक है, जिसने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के माध्यम से 500 मिलियन अमेरिकी डालर का ऋण दिया है।
–आईएएनएस
और भी हैं
झांसी हादसा : एक हादसे ने छीन ली 10 जिंदगियां, चिल्ड्रन वार्ड कैसे बना बच्चों की ‘कब्रगाह’ ?
जर्मनी में 3.2 मिलियन बुजुर्गों पर बढ़ा गरीबी का खतरा
झांसी अस्पताल हादसा : सीएमएस ने बताया, ‘एनआईसीयू वॉर्ड में लगी आग, ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे