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Lucknow: Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh Yadav addresses during a programme in Lucknow on Oct 10, 2016. (Photo: IANS)

कबीर को पढ़ लेते मोदी तो नफरत की राजनीति से तौबा करते : अखिलेश

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को संत कबीर दास की तपोभूमि मगहर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी अगर संत कबीर के वचनों को पढ़ लेते तो नफरत की राजनीति से तौबा कर लेते। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “बड़े दुख और क्षोभ की बात है कि भाजपा-संघ नेतृत्व अपने राजनीतिक स्वार्थ साधन के लिए महापुरुषों का इस्तेमाल करने में भी संकोच नहीं कर रहा है। पीएम मोदी यदि संत कबीर दास को पढ़ लेते तो नफरत की राजनीति से तौबा कर लेते, भेदभाव का रास्ता नहीं अपनाते और देश में असहिष्णुता और लोगों में दहशत नहीं होती।”

मगहर की जनसभा में मोदी के सपा पर कटाक्ष करने पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने कहा, “कितने अफसोस की बात है कि संत कबीर के निर्वाण दिवस और 620वें प्राकट्य दिवस पर प्रधानमंत्री उन्हें श्रद्धांजलि देने के नाम पर विपक्ष और मूलत: समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते रहे। अच्छा होता वे (मोदी) कबीरदास जी के दर्शन से प्रेरणा लेते, अपनी आत्मशुद्धि करते और नफरत की राजनीति से तौबा करते।”

उन्होंने कहा कि जाति-धर्म से ऊपर उठकर अंधविश्वासों पर गहरी चोट करने वाले संत कबीर ने अपने समय की तमाम कुरीतियों पर चोट की थी। उनके लिए हिंदू-तुर्क एक समान थे। अगर पीएम मोदी कबीर को पढ़ लेते तो भेदभाव का रास्ता नहीं अपनाते। तब देश में असहिष्णुता और समाज के एक बड़े वर्ग में दहशत नहीं होती। लेकिन लगता है भाजपा को लोकतंत्र से परहेज है और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की आदत है।

अखिलेश ने कहा कि भाजपा की संपूर्ण राजनीति और नीति-कार्यक्रम सब सत्ता के इर्द-गिर्द घूमते हैं। सन् 2019 में केंद्र में अपनी सत्ता की वापसी के लिए भाजपा-संघ कुछ भी करने को तैयार हैं। इसी कड़ी में भाजपा और पीएम मोदी ने संत कबीरदास के 500वें निर्वाण दिवस पर मगहर में उनके बहाने देशभर में फैले कबीर के करोड़ों अनुयायियों को अपना वोट बैंक बनाने की कोशिश की और इसी बहाने बुनकरों तथा अति पिछड़ों का समर्थन जुटाने का ‘भोंडा’ प्रयास किया है।

–आईएएनएस

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