नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को संसद के आगामी बजट सत्र के दौरान नोटबंदी, जम्मू एवं कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आतंकवादि गतिविधियों और सरकारी संस्थानों की स्वायत्तता में आई कमी पर चर्चा की मांग की है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ने अब तक उसकी एक भी मांग नहीं मानी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “हमने सरकार से दो मुद्दों पर चर्चा करवाए जाने का अनुरोध किया है। उन्हें कम से कम एक विषय–जम्मू एवं कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आतंकवादी गतिविधियां– पर तो चर्चा की अनुमति देनी चाहिए।”
आजाद ने कहा, “पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों द्वारा पिछले वर्ष अनेक नागरिक मारे गए और पिछले चार महीने के दौरान कई जवान भी शहीद हुए हैं। हिमस्खलन के कारण कम से कम 20 जवानों की मौत हुई है।”
आजाद ने कहा कि समय की कमी का बहाना बनाकर कई राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा नहीं करवाई जाएगी।
उन्होंने कहा, “सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। हमने सरकार से मार्च में फिर से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है, जब संसद का शेष सत्र चलेगा। अन्य विपक्षी दलों ने भी इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है।”
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नोटबंदी के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसे शीर्ष सरकारी संस्थाओं की स्वायत्ता में आई गिरावट का भी मुद्दा उठाया जाएगा।
खड़गे ने बताया कि सोमवार को सर्वदलीय बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से नोटबंदी पर चर्चा बुलाने की मांग की गई।
(आईएएनएस)
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