नई दिल्ली| केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की ओर से देश में वैक्सीन की कमी दूर करने के लिए एक नहीं, दस कंपनियों से उत्पादन करवाने के सुझाव वाले बयान को आधार बनाते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा तो अब उन्होंने ने सफाई दी है। गडकरी ने कहा है कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि केमिकल एंड फर्टिलाइजर मंत्री मनसुख मंडाविया वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने के सरकार के सफल प्रयासों की जानकारी पहले ही दे चुके थे। दरअसल, 18 मई को स्वदेशी जागरण मंच की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कांफ्रेंस में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने का सुझाव देते हुए कहा था, “यदि टीके की मांग अधिक होगी तो आपूर्ति की समस्या खड़ी होगी। इसलिए एक कंपनी के बजाय 10 और कंपनियों को टीके के प्रोडक्शन में लगाया जाना चाहिए। इसके लिए टीके के मूल पेंटेंट धारक कंपनी को दूसरी कंपनियों द्वारा दस प्रतिशत रॉयल्टी का भुगतान किया जाना चाहिए।”
गडकरी ने बताया कि हर राज्य में ऐसी लैब मौजूद हैं, जिनके पास वैक्सीन प्रोडक्शन करने की क्षमता है। अगर फॉर्मूला दिया जाए तो वैक्सीन का उत्पादन बढ़ सकता है।
गडकरी के इस बयान का वीडियो शेयर करते हुए मनमोहन सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “क्या उनके बॉस यह सुन रहे हैं? 8 अप्रैल को डॉ. मनमोहन सिंह ने भी ऐसा ही सुझाव दिया था।”
कांग्रेस की ओर से इस बयान का इस्तेमाल केंद्र सरकार के खिलाफ किए जाने पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बुधवार को सफाई भी दी।
उन्होंने कहा, “स्वदेशी जागरण मंच के कांफ्रेंस में जब मैं कल ये बातें कह रहा था, तो मुझे ये नहीं पता था कि केमिकल एंड फर्टिलाइजर मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने मुझसे पहले ही वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने को लेकर सरकार के प्रयासों के बारे में जानकारी दे दी थी। कांफ्रेंस के बाद उन्होंने मुझे भी बताया कि सरकार 12 अलग-अलग प्लांट और कंपनियों में वैक्सीन बना रही है। मैंने उन्हें बधाई दी और कहा कि आपकी टीम सही दिशा में काम कर रही है।”
–आईएएनएस
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