नई दिल्ली| भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बुधवार को कहा कि भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन सार्स-सीओवी 2 के सभी वेरिएंट के खिलाफ असरदार है और प्रभावी रूप से डबल म्यूटेंट स्ट्रेन को भी बेअसर करता है।
आईसीएमआर ने उनके द्वारा किए गए एक अध्ययन के निष्कर्षों का हवाला देते हुए यह दावा किया है।
देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है और ऐसे में सरकार ने टीकाकरण अभियान और तेज कर दिया है। मौजूदा समय में देश में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का टीका लोगों को दिया जा रहा है।
कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया गया है।
आईसीएमआर की राष्ट्रीय जीवाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने सार्स-सीओवी-2 वायरस के विभिन्न प्रकारों : बी.1.1.7 (ब्रिटेन में मिला प्रकार), बी.1.1.28 (ब्राजील का प्रकार) और बी.1.351 (दक्षिण अफ्रीका का प्रकार) को सफलतापूर्वक अलग किया और संवर्धित किया।
आईसीएमआर ने एक ट्वीट में कहा, “आईसीएमआर का अध्ययन दिखाता है कि कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के विभिन्न प्रकारों को निष्प्रभावी करता है और दो बार परिवर्तित किस्मों के खिलाफ भी प्रभावी रूप से काम करता है।”
स्वास्थ्य अनुसंधान के शीर्ष निकाय ने कहा कि आईसीएमआर-एनआईवी ने ब्रिटेन के प्रकार और ब्राजील के प्रकार को बेअसर करने की कोवैक्सीन के सामथ्र्य को प्रदर्शित किया।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने जानकारी दी कि उनके नए शोध से पता चला है कि भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन टीका सार्स-सीओवी 2 के सभी वेरिएंट के खिलाफ असरदार होने के साथ ही प्रभावी रूप से डबल म्यूटेंट स्ट्रेन को भी बेअसर करता है।
आईसीएमआर का यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब एक मई से देश में टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू होने वाला है और उसमें 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगवाने की अनुमति मिल गई है।
–आईएएनएस
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