नई दिल्ली : उत्तर रेलवे ने नोवेल कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने के प्रयासों के तहत ट्रेनों की 16 यात्री बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित कर दिया है। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने कहा, “कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत सभी उत्तर रेलवे की कार्यशालाओं में कार्य प्रगति पर है। अब तक 16 एलएचबी बोगियों (कोच) को संदिग्ध कोरोना रोगियों के लिए एकांतवास वार्ड के रूप में कार्य करने के लिए परिवर्तित किया गया है। दो रेक, यानी 20 एलएचबी एसी रहित कोच, 31 मार्च शाम तक तैयार हो जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि मंगलवार तक आलमबाग कार्यशाला में आईसीएफ की दो बोगियों को आइसोलेशन कोच में बदल दिया जाएगा। कुमार ने कहा कि 10 बोगियों में से एक रेक को एक सप्ताह के भीतर आइसोलेशन सुविधा में बदल दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, “उत्तर रेलवे कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में बेहतर समन्वय के लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ संपर्क में है।”
कुमार ने कहा कि उत्तर रेलवे की कार्यशालाओं में सैनिटाइजर, फेस मास्क व अन्य जरूरी चीजों का उत्पादन पूरे जोरों पर है, जिसमें प्रतिदिन 700 लीटर सैनिटाइजर बनाने की क्षमता है।
कुमार ने यह भी कहा कि उत्तर रेलवे की दो कोच वर्कशॉप प्रतिदिन 700 फेस मास्क बनाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 1,600 फेस मास्क उत्तरी रेलवे द्वारा निर्मित किए गए हैं।
उत्तर रेलवे द्वारा मेडिकल स्टाफ के लिए भी जरूरी चीजों को तैयार किया जा रहा है।
भारत में सोमवार को कोरोनावायरस पॉजिटिव रोगियों की कुल संख्या बढ़कर 1,071 हो गई है, वहीं वायरस की वजह से 29 लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
–आईएएनएस
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