विजय गौड़
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्ष भर चलने वाले अभियान क्वालिटी ऑफ़ लीगल सर्विसेज इज की टू एक्सेस टू जस्टिस का उदघाटन समारोह प्राधिकरण सभागार में माननीय न्यायमूर्ति श्री उदय उमेश ललित, न्यायाधीश, भारतीय उच्चतम न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया। इस उद्घाटन के दौरान, माननीय न्यायमूर्ति श्री उदय उमेश ललित, न्यायाधीश, भारतीय उच्चतम न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने भी अपने विचार साझा किए और पूर्व गिरफ्तारी, गिरफ्तारी और रिमांड स्टेज पर व्यक्ति विशेष के अधिकारों पर पोस्टर लॉन्च की भी सराहना की। उन्होंने सभी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों को इस संबंध में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा की गई पहल का अनुसरण करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के चरण में लोगों को गुणवत्तापूर्ण कानूनी सेवाएं प्रदान करने के इस अभियान की एक वर्ष की अवधि निश्चित रूप से गिरफ्तारी के दौरान पुलिस स्टेशन में लोगों की शिकायतों को कम करेगी।
समारोह की शुरूआत माननीय न्यायमूर्ति श्री राजन गुप्ता, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण कानूनी सेवाओं के महत्व पर ध्यान केन्द्रित किया है कि कानूनी सेवा प्राधिकरण जरूरतमंद लोगों तक कैसे पहुंच सकते हैं। अपने संबोधन में माननीय न्यायमूर्ति ने हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पिछले एक वर्ष में विशेष रूप से कोविड अवधि के दौरान शुरू की गई परियोजनाओं और अभियानों के बारे में सभा को अवगत कराया। उन्होंने आगे उपस्थित लोगों को कोविड-19 के दौरान हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शुरू किये गये जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया उन्होंने कानूनी सहायता लेने वाले लोगांे को आ रही कठिनाइयों को हल करने पर जोर दिया ताकि कानूनी सेवा के अधिकार पर लोगों का विश्वास दिन प्रतिदिन और बेहतर हो सके। उन्होंने इस आयोजन को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के शहादत दिवस से जोड़ा। उन्होंने बताया कि बाल गंगाधर तिलक ने अदालत में अपना बचाव किया और अदालत में लोगों को दी जा रही कानूनी सहायता के साथ-साथ अदालत में आने से पहले यानी गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के समय से जोड़ा।
हरियाणा के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्षगण, श्री प्रमोद गोयल, सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया क़ि समारोह अवसर पर किशोर न्याय अधिनियम (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 पर लघु फिल्म का विमोचन , गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के चरण में एक व्यक्ति के अधिकारों पर एनिमेटेड लघु क्लिप का विमोचन , हरियाणा के सभी 22 जिलों में समर्पित वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग सुविधा का शुभारम्भ , ऐ0डी0आर0 केन्द्रों को लोगों के अनुकूल बनाने के लिए 18 जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में किड्स जोन का उद्घाटन किया गया
समारोह में न्यायमूर्ति श्री रवि शंकर झा, मुख्य न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायमूर्ति श्री जसवंत सिंह, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं प्रशासनिक न्यायाधीश, सत्र प्रभाग, गुरूग्राम, न्यायमूर्ति श्री राजन गुप्ता, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायमूर्ति श्री अजय तिवारी, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, पंजाब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायमूर्ति श्री ऐ0जी0 मसीह, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति तथा श्री राजीव अरोड़ा, आई0ऐ0एस0, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, हरियाणा ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम में श्री अशोक जैन, सदस्य सचिव, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री संजीव बेरी, रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चण्डीगढ़, श्री पुनीत सहगल, निदेशक, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण,, मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट्स/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हरियाणा के न्यायिक अधिकारीगण, पैनल अधिवक्तागण, पैरा लीगल वाॅलिन्टयर्स, बार सदस्यगण तथा पुलिस अधिकारीगण उपस्थित हुए।
कार्यक्रम के बाद सभी न्यायमूर्तियों ने गुरुग्राम की भोंडसी जेल का भी दौरा किया।
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