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खाकी के रणबांकुरों ने खून देकर बचाई अजनबी महिला-नवजात की जिंदगी

गौतमबुद्ध नगर | अमूमन पुलिस वालों पर यही आरोप लगता है कि वे ‘वसूली’ के चक्कर में फर्ज भूल जाते हैं। कोरोना जैसी महामारी और त्रासदी में मगर खाकी में छिपे कई ऐसे रणबांकुरे भी निकल कर सामने आ रहे हैं जो, अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर बाकी तमाम को जिंदगी बख्श रहे हैं। भले ही इसके लिए उन्हें क्यों न अपनी जान देनी पड़ रही हो या फिर अपने बदन का खून की क्यों न दूसरे की जिंदगी की खातिर खिंचवा देना पड़ रहा हो। ऐसा ही ताजा-तरीन उदाहरण पेश किया है, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गौतमबुद्ध नगर जिला पुलिस में तैनात खाकी के दो रणबांकुरों ने।

सोमवार को विशेष बातचीत के दौरान आईएएनएस को यह जानकारी गौतमबुद्ध नगर जिले के तेज-तर्रार नव-नियुक्त और पहले पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने दी। कलियुग में कोरोना से महामारी से जूझ रहे इस बुरे वक्त में दधीचि मुनि सरीखे साबित हुए दोनो बहादुर सिपाहियों का नाम है अंजुल कुमार त्यागी और लाला राम।

जिला पुलिस प्रवक्ता पंकज कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए आगे कहा, “रविवार को शाम करीब सात बजे पुलिस कंट्रोल रुम को सूचना मिली कि, अस्पताल में दाखिल महिला रजनी की हालत बेहद नाजुक है। रजनी गर्भवती है। उसे नवजात को जन्म देने के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया है। सूचना रजनी के पति विजय ने पुलिस को दी थी।”

गर्भवति महिला के पति विजय ने पुलिस को यह भी बताया कि, डॉक्टरों ने पत्नी रजनी और होने वाले नवजात की जिंदगी बचाने के लिए बिना वक्त गंवाये दो यूनिट रक्त की जरुरत बतायी है। जिले में चूंकि लॉकडाउन है, इसलिए विजय ने खुद अस्पताल के बाहर जाकर कहीं से रक्त का इंतजाम कर पाने में असमर्थता जताई थी।

जिला पुलिस कंट्रोल रुम को यह अत्यावश्यक सूचना मिलते ही मोटर साइकिल सवार (पीआरवी 4668) को रक्त का इंतजाम करने को कहा गया। मोटर साइकिल सवार पुलिसकर्मी कमांडर अंजुल कुमार त्यागी (495) और मोटर साइकिल पायलट लाला राम को जिला पुलिस के संबंधित अफसरान द्वारा सलाह दी गयी, कि वे हर हाल में और जल्दी से जल्दी रक्त का इंतजाम करके नोएडा स्थित ईएसआई अस्पताल पहुंचे, जहां सूचना देने वाले विजय की पत्नी रजनी जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है।

मोटर साइकिल सवार पुलिसकर्मियों को तमाम कोशिशों के बाद भी कहीं से रजनी और उसके होने वाले नवजात की जिंदगी बचाने के लिए खून का इंतजाम होता नजर नहीं आया। लिहाजा दोनो ने नाजुक हालात और वक्त की बेइंतहाई कमी का ध्यान रखते हुए, एक ऐसा फैसला लिया, जो न सिर्फ नोएडा , यूपी पुलिस के लिए ही, वरन हिंदुस्तान भर की पुलिस की आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा। फैसला था कि दोनो पुलिसकर्मी खुद ही मोटर साइकिल से सीधे नोएडा सेक्टर 24 स्थित ईएसआई अस्पताल जा पहुंचे।

नोएडा पुलिस के दोनो दिलेर रणबांकुरों ने डॉक्टर्स को बताया कि, शहर में खून फिलहाल इतने कम समय में मिल पाने में काफी वक्त लग सकता है। लिहाजा उन दोनो ने अपने बदन से एक एक यूनिट (कुल दो यूनिट) रजनी और उसके होने वाले नवजात शिशु की जिंदगी की खातिर देने का प्रस्ताव डॉक्टर्स के सामने बे-झिझक रख दिया।

पुलिसर्मियों से हासिल दो यूनिट खून के बलबूते आनन-फानन में ही अस्पताल के डॉक्टर्स ने रजनी की सुरक्षित प्रसव पीड़ा को अंजाम दिलवा दिया। फिलहाल रजनी और उसका नवजात शिशु स्वस्थ्य हैं। जबकि चंद घंटों में ही लॉकडाउन के सन्नाटे में भी इस नेक काम के लिए, नोएडा पुलिस के इन दोनो बहादुर सिपाहियों की चर्चा सूबे की पुलिस से लेकर हिंदुस्तान भर की पुलिस और आम पब्लिक में हो रही है।

–आईएएनएस

Anjul Kumar Tyagi and Lala Ram. (Photo: Sanjeev Kumar Singh Chauhan/IANS)Anjul Kumar Tyagi and Lala Ram. (Photo: Sanjeev Kumar Singh Chauhan/IANS)

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