नई दिल्ली, 2 अक्टूबर । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा, “बापू ने ही मुझे सिखाया है, जीना है तो डरे बिना जीना है।” महात्मा गांधी के योगदान और उनके विचारों को याद करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गांधी जी केवल एक व्यक्ति नहीं थे, बल्कि एक सोचने और जीने का तरीका थे। गांधी जी ने हमें सिखाया कि अगर हमें जीना है, तो हमें बिना डर के जीना होगा। चाहे हमें जेल में डाल दिया जाए या तीन गोलियां छाती में लगे, हमें कभी नहीं डरना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि जब हम प्रेम से काम लेते हैं, तो हम दुनिया को बदल सकते हैं। यह नफरत का देश नहीं है। भारत वह पहला देश है जिसने स्वतंत्रता की लड़ाई मोहब्बत से लड़ी। मेरी तमन्ना है कि हमारा देश ऐसा बने कि पूरी दुनिया कहे कि अगर आज़ादी पाना है, तो हिंदुस्तान के जैसे आज़ाद बनना है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने जो संरचना स्थापित की, वह इस संवाद को सहजता से आगे बढ़ाने की अनुमति देता है।
मेरे लिए स्वतंत्रता का मतलब केवल राजनीतिक आज़ादी नहीं है। स्वराज की शुरुआत हमारे भीतर से होती है। हमें पहले अपने भीतर के बंधनों को तोड़ना होगा। राहुल गांधी ने आगे कहा कि महात्मा गांधी भविष्य में विश्वास रखते थे और भारत के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते थे। बता दें कि महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर पूरा देश दोनों नायकों को याद कर रहा है। सत्य और अहिंसा के पथ पर चलने वाले महात्मा गांधी ने भारत को अंग्रेजी शासन से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई। तो वहीं, भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनके सरल जीवन और देशभक्ति के लिए याद किया जाता है। उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत का नेतृत्व किया और ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया।
–आईएएनएस
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