नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधनी दिल्ली में सिखों का सबसे बड़ा धर्मिक स्थल गुरुद्वारा बंगला साहिब आत्मिक शांति की तलाश में भारत आए अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थान बनकर उभर रहा है।
वर्ष 2017 में लगभग 12 लाख अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों ने पवित्र गुरुद्वारा बंगला साहिब का भ्रमण करके पवित्र श्री गुरुग्रंथ साहिब को माथा टेका व अरदास की तथा प्रसाद स्वरूप लंगर ग्रहण किया, जबकि चालू वर्ष 2018 में पहले चार माह के दौरान लगभग छह लाख अंतर्राष्ट्रीयपर्यटकों ने पावन स्थल पर शीश नवाया।
दिल्ली के पर्यटक स्थलों पर किए गए ‘सर्वे 2017’ में गुरुद्वारा बंगला साहिब को राष्ट्रीय राजधानी में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों का सर्वाधिक पंसदीदा स्थल आंका गया है जहां अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्वच्छ वातावरण में आत्मिक शांति, आध्यात्मिक अनुभूति तथा धर्मिक और ऐतिहासिक ज्ञानसवंर्धन के लिए एकत्रित होते हैं।
सिखों के आठवें गुरु, गुरु हरकिशन साहिब जी से जुड़े गुरुद्वारा बंगला साहिब में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की सुविधा तथा सहायता के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने एक सूचना केंद्र स्थापित किया है, जिसमें अतर्राष्ट्रीय भाषाओं के 7 माहिर पर्यटक गाईड तैनात किए हैं, जो कि विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में विदेशी पर्यटकों को इस ऐतिहाहिक धर्मिक स्थल की सांस्कृतिक तथा एतिहासिक महत्व की जानकारी प्रदान करते हैं।
ज्यादातर अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक विभिन्न ट्रेवल एजेंसियों के माध्यम से 15-25 पर्यटकों के ग्रुप में धर्मिक स्थल का दौरा करते हैं, लेकिन शोध एवं अनुसंधान के उद्देश्य से अनेक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक व्यक्तिगत रूप में सिख धर्म के विभिन्न पहलुओं पर रिसर्च करने के लिए पावन स्थल का दौरा करते हैं।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जी.के. ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को सिख धर्म के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए कमेटी ने 10 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में सिख साहित्य प्रकाशित किया है ताकि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक अपनी मातृभाषा में सिख धर्म की जानकारी ग्रहण कर सके। उन्होंने बताया कि चालू वर्ष के दौरान अब तक लगभग एक लाख पुस्तकों का मुफ्त वितरण किया जा चुका है।
गुरुद्वारा बंगला साहिब में स्थित दिल्ली का पहला मल्टीमीडिया म्यूजियम अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को सिख धर्म की विस्तृत जानकारी प्रदान करने का सबसे सुगम तथा बड़ा स्त्रोत बन गया है। इस म्यूजियम में पेंटिंग डिजिटल टेक्नोलॉजी, स्क्रीन भित्ति-चित्र, चित्रपट, तथा विभिन्न भाषाओं के माध्यम से सिख धर्म के मूल सिद्धांतों की जानकारी प्रदान की जाती है।
इस संग्रहालय में 250 पेंटिंग से सज्जित चार गैलरियों तथा 170 लोगों की क्षमता का एक छोटा आडिटोरियम है। इस संग्रहालय में सिख गुरुओं तथा सिख योद्धाओं के दर्शनशास्त्र तथा उपदेशों पर आधारित पांच मिनट की फिल्म दिखाई जाती है। गुरुद्वारा परिसर में स्थित सरोवर जल को अमृत मानते हैं और विश्व भर के सिख इसे अपने साथ ले जाते हैं।
–आईएएनएस
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