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जब एक फ़रिश्ते ने बूढ़ी-बीमार माँ को उसके बिछड़े परिवार से मिलाया

 

अक्सर लोगों को कहते सुना है कि हमें आगे बढ़कर ज़रुरतमंदों की मदद करनी चाहिए. समाज भी लोगों की मदद से ही चलता है. हम बड़ी-बड़ी बातें तो बहुत करते हैं लेकिन जब पहला कदम उठाने का वक्त आता है तो अपनी झिझक या मजबूरियों के चलते पीछे हो जाते हैं. लेकिन आज जो खबर हम आपको बता रहे हैं वो केवल खबर न होकर आपके लिए एक प्रेरणा-सन्देश होगा. यह प्रेरणादायक कहानी है कि किस प्रकार दिल्ली-एनसीआर में व्यस्त दिनचर्या में राज महाजन के प्रयास से एक कीमती ज़िन्दगी खोने से बच गयी. प्रसिद्ध संगीतकार और मोक्ष म्युज़िक कंपनी के चेयरमैन राज महाजन अमूनन व्यस्त ही रहते हैं. लेकिन, बच्चों के साथ समय बिताना राज महाजन को बहुत पसंद है.

 
दिनांक 6 नवम्बर, 2016 को, संगीतकार राज महाजन अपने बच्चों के साथ रविवार सुबह घूमने के लिए निकले. तभी उन्होंने देखा कि एक वृद्ध महिला, जिसकी उम्र 65–70 वर्ष रही होगी, काफी देर से रेड-लाइट के पास गुमसुम सी घूम रही थी. राज के साथ उनके बच्चे मोक्ष और सौम्या भी थे. इस दौरान राज उस महिला का विडियो बनाकर फेसबुक के माध्यम से शेयर कर चुके थे ताकि जल्द से यह खबर सारे में फ़ैल जाए. राज ने उस औरत से खाने के लिए पूछा. महिला ने झिझकते हुए खाने के लिए हाँ कर दी. राज के बेटे मोक्ष ने औरत का हाथ पकड़ लिया और महिला को अपनी कार में बैठा लिया. राज उस महिला को अपने घर ले आये. वहाँ पर उस महिला को भोजन कराया. महिला की विक्षिप्ति मानसिक अवस्था और बोलने की प्रॉब्लम के कारण बात नहीं बन पा रही थी. राज ने फेसबुक लाइव विडियो के माध्यम फिर से अपील की. काफी मशक्कत के बाद भटकी हुई प्रभा देवी को उसका घर मिल गया.

 
राज ने बताया, “अगर मैं उसे अपने साथ घर पर नहीं लाता तो शायद वो चलते-चलते कहीं बहुत आगे चली जाती. वो चलती रहती और रात होने पर कहीं सो जाती. कोई अगर खाने को दे देता तो खा लेती नहीं नहीं तो भूखी-प्यासी भटकती रहती. कुछ दिनों में कपडे गंदे हो जाते. लोग उसे भिखारी समझने लग जाते और अच्छे-भले परिवार वाली प्रभा देवी भिखारियों जैसी लुप्त ज़िन्दगी जीने को मजबूर हो जाती या दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर इससे भी बुरा हो सकता था. मैं खुश हूँ कि अब प्रभा देवी सुरक्षित तौर पर अपने घर पर अपने परिवार के साथ हैं.”

 
राज ने यह भी बताया, “अच्छे काम का नतीजा अच्छा ही होता है. मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत सारे ‘धन्यवाद’ और ‘दुआओं’ के सन्देश प्राप्त हो रहे हैं. मुझे करीब 3000 लोग मेसेज भेज चुके हैं. गढ़वाली लोकगायक श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी का सन्देश भी मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुआ. उन्होंने मुझे समस्त गढ़वाल समाज की तरफ से धन्यवाद किया है. मुझे यह देखकर अच्छा लग रहा है कि लोग मुझे रोल मॉडल के रूप में देखकर मुझसे प्रेरणा ले रहे हैं.”

 

अगर राज ने पहल न की होती तो परिणाम कुछ और ही होता. इस खबर की ज़रिये हम आपसे यही कहना चाहते हैं कि अगर आपके सामने किसी की मदद करने का अवसर आये तो उसे न गंवाएं. ख़ुशी मिलती है सहायता करके. थोड़ी-थोड़ी मदद करके आप इस धरती को ही जन्नत बना सकते हैं.

 

इस मामले की पूरी जानकारी के लिए आप विडियो देख सकते हैं :

 

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