नई दिल्ली| उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्ष से लेकर सड़कों तक सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर समय रहते हिंसा पर काबू क्यों नहीं पाया गया? और क्या पुलिस के पास खुफिया जानकारी नहीं थी? सूत्रों के मुताबिक, खबर आ रही है कि जाफराबाद का बवाल किसी और बड़े कांड से ध्यान भटकाने की साजिश के तहत रखी गई थी।
सूत्रों ने जानकारी दी है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे को लेकर खुफिया और सरकारी एजेंसी बेहद सतर्क थीं। अमेरिकी रास्ट्रपति के दौरे को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही थी। खासकर तब जब बगदादी और सुलेमानी को अमेरिकी फौज द्वारा मारने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का दौरा हो रहा था।
जाफराबाद में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो रहे थे, तो एजेंसियों को इनपुट के आधार पर आशंका हुई कि वो पुलिसिया कार्रवाई को आमंत्रित कर रहे हैं। खुफिया जानकारी पक्की थी कि जैसे ही पुलिस कोई कार्रवाई करेगी तो वे खुद कुछ महिलाओं, बच्चों को निशाना बनाकर भाग खड़े होंगे। इस परिस्थिति में पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया जाएगा और पुलिस और सरकार के खिलाफ बड़ा ‘तमाशा’ खड़ा करने की कोशिश की जाएगी।
एजेंसियां इस इनपुट को लेकर भी सतर्क थीं कि माहौल खराब करने वाले जाफराबाद में बवाल कर ध्यान बंटाने की कोशिश कर सकते हैं। जैसे ही सारा फोकस उस तरफ होगा, दूसरी तरफ कोई बड़ा कांड करने की कोशिश कर सकते हैं इसलिए समस्या दिखने के बावजूद सारा फोकस उधर नहीं किया गया, बल्कि शेष सुरक्षा व्यवस्था को और सुरक्षित एवं सतर्क रखा गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे के समय आतंकी जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं ..डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के समय इसकी काफी आशंका थी .इसलिए एजेंसियों का सबसे बड़ा फोकस कश्मीर में ऐसी किसी भी घटना को रोकने को लेकर था। एजेंसियों को ये इनपुट था कि छोटी घटना से ध्यान भटकाकर और उलझाकर आतंकी कहीं दूसरे जगह चौंकानेवाला कांड कर सकते हैं। यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के समय आतंकी कश्मीर में कोई घटना को अंजाम नहीं दे सके।
–आईएएनएस
और भी हैं
दिल्ली में कम नहीं हो रहा वायु प्रदूषण, 347 दर्ज किया गया औसत एक्यूआई
उपराज्यपाल ने राज निवास में पुनर्गठित एनडीएमसी के नए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों को शपथ दिलाई
अकेला लड़ सकता हूं, लेकिन दिल्ली को बचाने के लिए आपकी मदद चाहिए : केजरीवाल