गीतकार-लेखकार जावेद अख्तर को अपने बेबाक और खुलकर विचार व्यक्त करने के लिए सब जानते है। ऐसे में जावेद अख्तर को रिचर्ड डॉकिंस पुरस्कार 2020 के लिए सम्मानित किया गया है।बता दें कि रिचर्ड डॉकिंस पुरस्कार पहली बार किसी भारतीय को मिला है।
उनका कहना है कि इस पुरकार के पिछले प्राप्तकर्ताओं की लिस्ट में कॉमेडियन और दार्शनिक क्रिस्टोफर हिचेन्स शामिल हैं। यह प्राइज 2003 से रिप्रजेंट किया गया है और इसे जीवविज्ञानी रिचर्ड डॉकिंस के नाम पर दिया जाता है। जावेद अख्तर को आलोचनात्मक सोच के लिए यह सम्मान दिया गया है। इन्होंने धार्मिक प्रगति को आगे बढ़ाया, मानव प्रगति और मानवतावादी मूल्यों को आगे बढ़ाया।
पुरस्कार पाने पर बड़ी खुशी महसूस की-अख्तर
वहीं इस पुरस्कार को पाने वाले जावेद अख्तर का कहना है कि मैं रिचर्ड डॉकिंस पुरस्कार 2020 प्राप्त कर एक बड़ी खुशी महसूस कर रहा हूं। उन्होंने यह भी कहा कि जब से मैंने उनकी पहली किताब द सेल्फिश जीन पढ़ी है, मैं रिचर्ड डॉकिन्स का बहुत बड़ा प्रशंसक बन गया था। इसके बाद से मैंने उनकी हर किताब को गहराई से पढ़ा है। ‘द गॉड डेल्यूजन’ मेरी सबसे ज्यादा फेवरिट बुक है। जावेद अख्तर सोशल मीडिया पर और देश के तमाम हिस्सों में सीएए और इस्लामोफोबिया जैसे विषयों को लेकर जाने गए है।
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