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डीयू: दिल्ली सरकार के कॉलेजों की गवनिर्ंग बॉडी को एक्सटेंशन देने की मांग

नई दिल्ली:फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन व आप टीचर्स विंग डीटीए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के डीन ऑफ कॉलेजिज को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी को एक्सटेंशन ( विस्तार ) देने की मांग की है । उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित किया कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों की प्रबंध समितियों का कार्यकाल 16 दिसंबर 2022 को समाप्त हो रहा है।उनका कहना है कि दिल्ली सरकार के इन कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी के ना रहने से जहाँ स्थायी प्रिंसिपलों की नियुक्ति प्रभावित होंगी वहीं दूसरी ओर शैक्षिक व गैर -शैक्षिक नियुक्तियों पर भी प्रभाव पड़ेगा । उनका कहना है कि दिल्ली सरकार के 20 कॉलेजों में प्रिंसिपलों की नियुक्ति होनी है , इन नियुक्तियों को लेकर स्क्रीनिंग व स्कूटनी का कार्य जोरों पर चल रहा है ।

आप टीचर्स विंग डीटीए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यादेश XVIII खंड 3(1) में कहा गया है कि एक वर्ष की समाप्ति पर, कार्यकारी परिषद, या तो ट्रस्ट /दिल्ली सरकार के अनुरोध पर या अपने स्तर पर, जैसा भी हो, यदि वह उनके कार्यों से संतुष्ट है तो वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मौजूदा ट्रस्ट / दिल्ली सरकार की प्रबंध समितियों में नामांकित व्यक्तियों के कार्यकाल का छह महीने की अवधि के लिए विस्तार दिया जा सकता है । इन प्रबंध समितियों को एक बार में तीन महीने से अधिक नहीं। बशर्ते आगे वे कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान करने पर प्रबंध समितियों के मौजूदा पदाधिकारी विस्तारित अवधि के लिए कार्य करना जारी रखेंगे।

डीटीए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने आगे बताया कि ऊपर उद्धृत खंड के प्रावधानों का कार्यान्वयन सामान्य रूप से होता आया है । उन्होंने बताया है कि वर्तमान में इन कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर और स्थायी प्राचार्यों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। सीयूईटी की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है और यूजीसीएफ के साथ नया सत्र शुरू हो गया है । इस प्रकार महाविद्यालयों में उसी की पाठ्यचर्या और संसाधन सम्बन्धी अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है। दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों की प्रबंध समिति को तीन महीने की अवधि के लिए विस्तार दिल्ली सरकार के इन महाविद्यालयों में निर्बाध शासन सुनिश्चित करेगा। कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन और डीओई, दिल्ली एनसीटी सरकार के बीच सौहार्दपूर्ण समन्वय भी स्थापित करेगा। डॉ. सुमन ने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि मौजूदा प्रबंधन समितियों की अवधि तीन महीने के लिए अविलंब बढ़ा दी जाए।

डॉ. सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार के कॉलेजों में यदि प्रबंध समिति को एक्सटेंशन नहीं मिलता है तो विश्वविद्यालय प्रशासन सरकार के इन कॉलेजों में अपनी ट्रेंकेटिड गवर्निंग बॉडी बना लेगा और इन कॉलेजों में शिक्षकों व प्रिंसिपलों की नियुक्ति अपने स्तर पर करेंगें क्योंकि 16 दिसम्बर 2022 के बाद दिल्ली सरकार के कॉलेजों में चेयरमैन नहीं रहेंगे और प्रिंसिपल व सहायक प्रोफेसर के पदों पर मनचाहे लोगों को आराम से लगा सकते है । उन्होंने बताया है कि जब –जब डीयू में दिल्ली सरकार के इन कॉलेजों में ट्रेंकेटिड गवर्निंग बॉडी आई है तब -तब दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने चहेते उम्मीदवारों की नियुक्ति करवाई है । उन्होंने डीन ऑफ कॉलेजिज से पुनः दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी को तीन महीने का एक्सटेंशन दिए जाने की मांग की है ।

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