चेन्नई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की विविधिता में एक एकता की परंपरा पर प्रकाश डालते हुए यहां रविवार को कहा कि दुनिया में तकनीक से विकास हो रहा है लेकिन आध्यात्मिक माहौल की आवश्यकता है। तमिलनाडु के विलुपुरम जिला स्थित ओरविल इंटरनेशनल टाउनशिप में आयोजित स्वर्ण जयंती सप्ताह समारोह में मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा विभिन्न धर्मो व संस्कृतियों को बराबर का सम्मान दिया है और उनके सह-अस्तित्व को स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा कि भारत में गुरुकुल की सदियों पुरानी परंपरा है जहां शिक्षा वर्ग-कक्ष तक सीमित नहीं होती है। ओरविल ने भी चिरकालिक व आजीवन शिक्षा का स्थान विकसित किया है।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का आध्यात्मिक स्थल रहा है और इस देश में दुनिया के कई महान धर्मो का उद्भव हुआ।
उनके अनुसार, दुनिया में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से भौतिक विकास हो रहा है। इसलिए उसे सामाजिक व्यवस्था व स्थायित्व के लिए आध्यात्मिक माहौल की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि सामंजस्य स्थापित करने के लिए भौतिक और आध्यात्मिक सह-अस्तित्व की आवश्यकता है।
मोदी रविवार को सुबह चेन्नई से पुडुचेरी पहुंचे और वहां अरविंदो आश्रम गए। प्रधानमंत्री वहां आश्रम में छात्रों से भी मिले।
–आईएएनएस
और भी हैं
देश में गठबंधन हो रहा मजबूत, रणनीति के तहत बदली उपचुनाव की तारीख : डिंपल यादव
झारखंड : एनडीए में सीट शेयरिंग पर बनी सहमति, जानिए भाजपा कितने सीटों पर लड़ेगी चुनाव
17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे नायब सिंह सैनी, तैयारियां तेज