इंद्र वशिष्ठ
निजामुद्दीन मरकज और तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के तेजतर्रार अफसर करीब 6 महीनों से जांच ही कर रहे हैं। तफ्तीश की कछुआ चाल ने पुलिस अफसरों की तफ्तीश करने की काबिलियत पर सवालिया निशान लगा दिया है।
पुलिस जमात के 233 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
लेकिन गैर इरादतन हत्या मामले के मुख्य आरोपी मौलाना मोहम्मद साद के बारे में पुलिस की अभी तक जांच ही चल रही है। इस मामले मेंं पुलिस की भूमिका पर सवाल उठता है कि जांच कब पूरी होगी और मौलाना साद कब गिरफ्तार होगा ? पहले मरकज को खाली कराने में देर करने वाली पुलिस अब मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने मेेंं भी देरी क्यों कर रही है ? क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक कारण हैं ?
मौलाना का अपराध अक्षम्य, पुलिस भी कसूरवार-
तब्लीगी जमात और मरकज को कोरोना फैला कर देश को मरघट तक बनाने का दोषी ठहराया गया। लेकिन सिर्फ मरकज को दोषी करार देकर पुलिस , केंद्र और दिल्ली सरकारों की नाकामी पर पर्दा डालना भी सही नहीं हैं। मरकज के मुखिया मौलाना साद का यह जघन्य अपराध किसी भी तरह से माफ़ी के काबिल नहीं हैं। इस मौलाना ने न केवल अपने तब्लीगी जमात के भाइयों और अपनी क़ौम की जान को ख़तरे में डाला बल्कि पूरे देश के लोगों की जान से खिलवाड़ किया है। इस कथित मौलाना के आपराधिक जाहिलपन के कारण मुस्लिमों को देश भर में दुश्मन की तरह देखा जा रहा है और इस क़ौम को ही महामारी फैलाने का जिम्मेदार माना जा रहा है।
लेकिन पुलिस ने अगर समय पर मरकज को खाली कराने की कार्रवाई की होती तो कोरोना संकट का रुप इतना भयावह न हो पाता और न ही इतना हड़कंप मचता।
जमात के कारण कोरोना फैला –
कोरोना वायरस तब्लीगी जमात के कारण भी फैला है। पुलिस और सरकार के आदेशों के बावजूद निजामुद्दीन स्थित मरकज मेंं तब्लीगी जमात के हजारों लोग इकट्ठा हुए थे।
तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ पुलिस की जांच चल रही है।
राज्य सभा में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने यह जानकारी दी है।
सांसद अनिल देसाई ने सरकार से सवाल किया था कि क्या यह सच है कि दिल्ली और अन्य राज्यों में कोरोना वायरस फैलने का मुख्य कारण तब्लीगी जमात के लोगों की सभा थी?
तब्लीगी जमात ने नहीं माने आदेश-
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि दिल्ली पुलिस के मुताबिक कोरोना फैलने के सिलसिले में विभिन्न ऑथोरिटी / प्राधिकरणों द्वारा मरकज को दिशा निर्देश और आदेश दिए गए थे।
इसके बावजूद सामाजिक दूरी का पालन किए बिना, मॉस्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था किए बिना भारी भीड लंबी अवधि के लिए एक बंद परिसर में इकट्ठा हुई। इसके कारण भी बहुत से लोगों मेंं कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया।
233 जमाती गिरफ्तार-
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने 29 मार्च 2020 को निजामुद्दीन मुख्यालय से तब्लीगी जमात के 2361 लोगों को बाहर निकाला।
दिल्ली पुलिस ने जमात के 233 लोगों को गिरफ्तार किया। तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद के बारे में पुलिस की जांच चल रही है।
एक एफआईआर दर्ज-
पुलिस ने तब्लीगी जमात मामले में एक एफआईआर दर्ज की है। गैर इरादतन हत्या, दूसरों के जीवन को खतरा पैदा करने, सरकारी अफसर के आदेश का उल्लंघन करने, विदेशी नागरिक अधिनियम, महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं के तहत यह मुकदमा दर्ज किया गया है।
हवाला से पैसा लिया-
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निजामुद्दीन मरकज और तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना साद कांधलवी और प्रबंधन कमेटी के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है। ईडी ने दिल्ली पुलिस की एफआईआर के आधार पर केस दर्ज किया है। इन पर बड़े पैमाने पर देश और विदेश से फंडिंग लेने और हवाला के जरिये पैसा जुटाने का आरोप है।
आतंकवादी घटनाओं में कमी-
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद आतंकवादी घटनाओं की संख्या मेंं बहुत कमी आई है।
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सांसद एम वी श्रेयम्स कुमार के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
पांच अगस्त 2019 को धारा 370 हटाए जाने के बाद से लेकर 9 सितंबर 2020 तक 402 दिनों मेंं 211आतंकवादी घटनाएं हुई हैं।
इसके पहले 29 जून 2018 से लेकर 4 अगस्त 2019 तक के 402 दिनों में 455 आतंकवादी घटनाएं हुई थी।
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