नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि तमिलनाडु क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) क्रिकेट टूर्नामेंट में अन्य क्रिकेट संघों से पंजीकृत खिलाड़ियों को खेलने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
आठ टीमों के इस टूर्नामेंट का आयोजन 11 जुलाई से 12 अगस्त तक होने हैं। प्रत्येक टीमों को 20 खिलाड़ियों का पूल रखने की इजाजत है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, “यह आदेश दिया जाता है कि तमिलनाडु प्रीमियर लीग, तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन से पंजीकृत खिलाड़ियों के साथ जारी रह सकती है। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने पांच जुलाई को यह आदेश दिया था, जिसे एसोसिएशन द्वारा ईमानदारी से लागू किया जाना चाहिए।”
टीएनपीएल की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने न्यायालय के समक्ष कहा कि संबंधित क्रिकेट संघों से अनापत्ति प्रमाण पत्र पेश करने पर बाहरी खिलाड़ियों को इस टूर्नामेंट में भाग लेने की इजाजत दी जाए।
उन्होंने कहा कि आठ टीमों के इस टूर्नामेंट में हर टीम को राज्य से बाहर के दो खिलाड़ियों को शामिल करने की अनुमति है।
सीओए की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने टीएनपीएल के वकील की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि बीसीसीआई के संविधान के मसौदे को ध्यान में रखते हुए इसकी अनुमति नहीं दी गई।
उन्होंने साथ ही कहा कि 2009 के बाद से कोई भी बाहरी खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में नहीं खेल रहा है।
–आईएएनएस
और भी हैं
संभल की घटना पर बोली कांग्रेस, ‘योगी राज में कोई सेफ नहीं’
एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में महायुति को बहुमत, एमवीए को झटका
मध्य प्रदेश की पहली मेडिसिटी का उज्जैन में भूमि पूजन