नई दिल्ली| दिल्ली नगर निगम चुनाव तारीखों को टाले जाने के बाद सियासी गलियारे में हलचल पैदा हो गई है। तीनों निगमों को एक करने की अटकलों के बाद आरोप व प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि, दिल्ली एमसीडी चुनावों में हार के डर से भाजपा भाग रही है और भाजपा के दबाव में आकर चुनाव आयोग ने भी घुटने टेक दिए हैं और पूर्व घोषित प्रेस-कांफ्रेंस के बावजूद एमसीडी चुनावों की तारीख को टाल दिया है। दूसरी ओर कांग्रेस ने भाजपा और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए चुनाव समय से कराने की मांग उठाई है। प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि, दिल्ली नगर निगम चुनावों में अपनी संभावित हार से बचने के लिए आम आदमी पार्टी और भाजपा चुनाव टालना चाहती है। कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि दिल्ली में नगर निगम चुनाव समय पर कराए जाऐं।
दरअसल बुधवार को दिल्ली नगर निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा होनी थी, हालांकि आखिरी वक्त में चुनाव आयोग ने प्रेस वार्ता बुलाकर तारीखों का ऐलान नहीं किया और केंद्र से एक चिट्ठी आने का जिक्र किया और तीनों निगमों को एक करने की उम्मीद भी जताई।
इस फैसले के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मुद्दे को उठाते हुए एक दूसरे को घेरने का प्रयास किया।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को चुनाव आयोग के पंगुपन का पदार्फाश करते हुए कहा कि, अपने कुकर्मों की वजह से जब भाजपा, दिल्ली एमसीडी चुनावों में बुरी तरह हारती हुई नजर आ रही है तो उसने लोकतंत्र का गला घोटना शुरू कर दिया है और साम-दाम-दंड-भेद का प्रयोग कर चुनाव आयोग को घुटनों पर लाकर रेंगने को मजबूर कर दिया है। चुनाव आयोग ने भी भाजपा के दबाव में आकर दिल्ली एमसीडी चुनावों की तारीख टाल दी।
देश के लोकतंत्र के लिए आज एक दुर्भाग्यपूर्ण, खतरनाक व काला दिन है जब भाजपा के इशारे पर दबाव में आकर चुनाव आयोग ने दिल्ली में चुनाव करवाने से मना कर दिया। बेहद खतरनाक है कि चुनाव आयोग केंद्र के आगे घुटने टेक देगा ऐसा होने पर लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं बच जाएगा।
दरअसल दिल्ली में तीन नगर निगमों के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा आगामी 5 से 7 दिनों में होने की संभावना है। दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयुक्त (एसईसी) एस के श्रीवास्तव ने कहा, मुझे शाम 4.30 बजे केंद्र सरकार से कुछ संदेश मिला है, इसलिए मैं अभी तारीखों की घोषणा करने में समर्थ नहीं हूं। तीनों निगम एक हो सकते हैं इसलिए ऐसा होता है तो हमें उसी के अनुसार फैसला करना होगा। हम इस मुद्दे पर कानूनी राय ले रहे।
–आईएएनएस
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