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देशभर के 21 विश्वविद्यालयों को यूजीसी ने फर्जी घोषित किया

दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में नहीं है गवर्निंग बॉडी, ओबीसी के भी सबसे ज्यादा रिक्त पद

नई दिल्ली| दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 28 कॉलेजों में ओबीसी कोटे के सबसे ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं। इन कॉलेजों में भर्ती के लिए लिए आवश्यक गवर्निंग बॉडी ही नहीं है, जिसके कारण इन कॉलेजों ने अपने यहां रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन नहीं निकाले। दिल्ली सरकार के इन 28 कॉलेजों की गवनिर्ंग बॉडी का कार्यकाल 13 सितम्बर को समाप्त हो गया है । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी ) के अवर सचिव ए एस सजवान ने 17 मार्च 2021 को दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के प्रिंसिपलों को निर्देश जारी करते हुए ओबीसी विस्तार योजना के तहत गैर शैक्षिक पदों को भरे जाने की समय सीमा को आगे बढ़ाए जाने के निर्देश दिए थे। दरअसल प्रिंसिपलों ने ओबीसी विस्तार योजना के तहत गैर शैक्षिक स्वीकृत पदों को भरने के लिए समय सीमा की अनुमति मांगी थी।

इस संदर्भ में यूजीसी ने कॉलेजों को दिशा निर्देश देते हुए कहा था कि ओबीसी विस्तार योजना के तहत स्वीकृत गैर शैक्षिक पदों को भरे जाने की समय सीमा 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाई गई। ओबीसी विस्तार के इन पदों को भरने संबंधी यूजीसी द्वारा जारी सकरुलर को 9 महीने बीत गए मगर अभी तक इन पदों को भरने के लिए विज्ञापन नहीं दिया और न ही विश्वविद्यालय प्रशासन से रोस्टर ही पास कराया गया है।

बता दे कि दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में पिछले तीन महीने से गवनिर्ंग बॉडी नहीं है, जबकि यूजीसी ने ओबीसी कोटे के पदों को भरने के लिए 31 दिसंबर तक एक्सटेंशन दिया है ।

आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने यूजीसी द्वारा ओबीसी विस्तार योजना के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में स्वीकृत गैर शैक्षिक पदों को नहीं भरे जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों के प्रिंसिपलों को इन पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकालने चाहिए थे । लेकिन कॉलेज प्रिंसिपलों ने ओबीसी कोटे के सैंकड़ों पदों को भरने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई ।

उन्होंने बताया है कि ओबीसी कोटे के गैर शैक्षिक पदों को भरने के यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय को लिखा गया था। साथ ही इन पदों के सेवा विस्तार योजना के अंतर्गत उनका विस्तार एक वर्ष तक बढ़ाने की मांग की थीं। लेकिन कोविड-19 को देखते हुए ऐसा संभव नहीं हो सका ,इसलिए यूजीसी ने इन पदों को भरने के लिए 31 दिसंबर 2021 तक का समय कॉलेजों को दिया है ।

उनका कहना है कि जो कॉलेज ओबीसी कोटे विस्तार के पदों को नहीं भरे यूजीसी को इन कॉलेजों का अनुदान बंद कर देना चाहिए ।

बता दें कि ओबीसी कर्मचारियों के गैर शैक्षिक पदों को कॉलेजों द्वारा 31 मार्च 2019 तक उन्हें भरा जाना था लेकिन अधिकांश कॉलेजों में इन पदों पर भर्ती के विज्ञापन ही नहीं निकाले।

इसके बाद एससी, एसटी, ओबीसी कर्मचारियों के संगठनों व टीचर्स एसोसिएशन ने यूजीसी को पत्र लिखा और यूजीसी ने इन पदों को भरने के लिए एक वर्ष का एक्सटेंशन देते हुए भरने का निर्देश दिया था।

हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में सबसे ज्यादा ओबीसी कोटे के रिक्त पद पड़े हुए हैं । इन कॉलेजों में मार्च 2019 से मार्च 2020 तक गवनिर्ंग बॉडी नहीं बनी थीं जिसके कारण इन कॉलेजों ने अपने यहां ओबीसी कोटे के पदों को भरने के विज्ञापन नहीं निकाले । 13 मार्च 20 20 को गवनिर्ंग बॉडी बनी लेकिन प्रिंसिपलों ने इन पदों को नहीं भरा ।दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों की गवनिर्ंग बॉडी का कार्यकाल 13 सितम्बर को समाप्त हो गया है ।

डॉ. सुमन ने बताया है कि यूजीसी द्वारा कॉलेजों को भेजे गए दिशा निर्देश स्वीकृत गैर शैक्षिक पदों को भरे जाने की समय सीमा 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया है क्योंकि इसमें निहित शर्तो का पालन करने के लिए यह विशेष मामला है और वित्त मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त किसी भी परिस्थिति में समय सीमा को आगे बढ़ाने के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा।

अब दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के प्रिंसिपलों से मांग की जा रही है कि वे यूजीसी द्वारा ओबीसी कोटे के स्वीकृत पदों को भरने संबंधी जो दिशा निर्देश जारी किए हैं, वे कॉलेज अपने यहां ओबीसी पदों को भरने के लिए जल्द से जल्द ट्रेंकेटिड गवनिर्ंग बॉडी ( अस्थायी प्रबंध समिति ) से पास कराकर इन पदों के विज्ञापन निकाले और भरे ।

–आईएएनएस

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