नई दिल्ली| उत्तर पूर्वी दिल्ली की हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दिल्ली सरकार 10 लाख रुपये का मुआवजा देगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को इस मुआवजे का ऐलान किया। इस 10 लाख रुपये की मुआवजा राशि में से एक लाख रुपया एक्स ग्रेशिया के तहत तुरंत मुहैया कराया जाएगा जबकि नौ लाख रुपये दस्तावेजों की पुष्टि होने के बाद मृतक के परिजनों को दिए जाएंगे। वहीं हिंसा में मारे गए बच्चों के परिजनों को दिल्ली सरकार पांच लाख का मुआवजा देगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिंसाग्रस्त लोगों के लिए मुआवजे की घोषणा करते हुए कहा, “हिंसा में दिव्यांग हुए पीड़ितों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मामूली रूप से जख्मी लोगों को दो लाख रुपये और अनाथ हुए बच्चों को सरकार तीन लाख रुपये की मदद देगी।”
हिंसा में जख्मी हुए लोगों को दिल्ली सरकार की फरिश्ते स्कीम के तहत निजी अस्पतालों में भी मुफ्त उपचार दिया जाएगा। इस उपचार का भुगतान दिल्ली सरकार अस्पतालों को करेगी।
केजरीवाल ने ऐसे लोगों के लिए भी मदद का ऐलान किया है, जिनकी दुकानें, घर और वाहन हिंसा के दौरान उपद्रवियों द्वारा जला दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा, “जिन लोगों के घर हिंसा में जला दिए गए हैं उन्हें सरकार पांच लाख का मुआवजा देगी। ऐसे घर जिन्हें इस हिंसा में जलाया गया है और वहां रहने वाला व्यक्ति किराएदार था, उसे भी यह सहायता राशि दी जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा “किराएदारों को उनकी संपत्ति नष्ट होने के एवज में एक लाख रुपये और मकान मालिक को चार लाख की मदद दी जाएगी।”
जिन मकानों को हिंसा के दौरान आंशिक क्षति पहुंची है उन्हें मदद के तौर पर दिल्ली सरकार दो लाख 50 हजार रुपये देगी। घरों को पहुंची क्षति के लिए मुआवजे के रूप में दिल्ली सरकार 25 हजार रुपये का तुरंत भुगतान करेगी। शेष राशि आवश्यक दस्तावेज पूरे होने पर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने ऐसी दुकानों के मालिकों को भी राहत देने का ऐलान किया है, जिनका कोई बीमा नहीं है। मुख्यमंत्री के मुताबिक जिन दुकानों का बीमा नहीं है, उन्हें पांच लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हिंसा के दौरान कई स्कूलों को भी उपद्रवियों ने नुकसान पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ने कहा, “जिन छात्रों की किताबें अथवा वर्दी इन दंगों में जला दी गई, उन्हें सरकार की ओर से मुफ्त किताबें और वर्दी दी जाएगी। सरकार द्वारा यह मुआवजा सरकारी व निजी दोनों स्कूलों के छात्रों के लिए तय किया गया है।”
–आईएएनएस
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