नई दिल्ली| दिल्ली में ऑक्सीजन की मांग 976 मीट्रिक टन है लेकिन बीते 24 घंटे के दौरान दिल्ली को केवल 577 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मुहैया कराई गई। दिल्ली सरकार के मुताबिक ऑक्सीजन की कम होती सप्लाई से अस्पतालों में कोरोना रोगियों के लिए समस्या उत्पन्न हो सकती है। यही कारण है कि अब एक बार फिर दिल्ली ने केंद्र सरकार से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष व विधायक राघव चड्ढा ने शुक्रवार को ऑक्सीजन का आधिकारिक बुलेटिन जारी किया। राघव ने बताया कि 5 मई को जहां दिल्ली को 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मुहैया कराई गई वहीं, बीते 24 घंटे के दौरान 6 मई को दिल्ली को केवल 577 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही दी गई। यानी 24 घंटे के दौरान ही दिल्ली की ऑक्सीजन सप्लाई 153 मीट्रिक टन कम कर दी गई।
राघव ने कहा कि दिल्ली को कम से कम 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन चाहिए। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिल्ली के लिए मान्य कर चुके हैं। बावजूद इसके दिल्ली को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं दी जा रही।
राघव ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण दिल्ली के अस्पतालों से 6 मई को ऑक्सीजन के लिए 9 एसओएस कॉल आई। इन सभी को कॉल्स पर कार्रवाई करते हुए ऑक्सीजन उपलब्ध कराया गया। कुल 909 ऑक्सीजन बेड के लिए एसओएस कॉल की गई। इसका समाधान करते हुए इन अस्पतालों में 5.10 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भेजी गई।
इस बीच दिल्ली में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना से 341 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। दिल्ली में कोरोना रोगियों की जांच के लिए 1 दिन में 79 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए। इनमें से 19 हजार से अधिक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसी दौरान 19 हजार से कुछ अधिक रोगी, कोरोना वायरस को हराकर स्वस्थ भी हुए हैं।
दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन के बेहतर प्रबंधन के लिए आईएएस अधिकारियों को तैनात किया है। उड़ीसा स्थित टाटा स्टील के कलिंगा नगर ऑक्सीजन प्लांट पर भी दिल्ली के दो आईएएस अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। दिल्ली सरकार ने शहर के भीतर विभिन्न अस्पतालों और संस्थानों में ऑक्सीजन के वितरण के लिए यह एक विकेंद्रीकृत प्रबंधन प्रणाली बनाई है।
–आईएएनएस
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