कोलकाता| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को दिल्ली में इंडियन गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के अनावरण में शामिल नहीं होने का फैसला क्यों किया, इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें जो निमंत्रण भेजा गया, वह सही नहीं था। ममता ने कहा, “एक अवर सचिव द्वारा लिखा गया एक पत्र बुधवार को मेरे कार्यालय पहुंचा। पत्र में लिखा था कि प्रधानमंत्री गुरुवार को शाम 7 बजे प्रतिमा का अनावरण करेंगे और मैं शाम 6 बजे तक वहां पहुंच जाऊं। क्या उन्हें लगता है कि मैं उनकी नौकर या बंधुआ मजदूर हूं?”
उन्होंने गुरुवार को यहां के नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस की एक सभा में कहा, “एक अवर सचिव किसी राज्य के मुख्यमंत्री को ऐसा पत्र कैसे लिख सकता है? कम से कम एक केंद्रीय मंत्री का पत्र आना चाहिए था। इसलिए, मैंने आज सुबह ही कोलकाता में नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।”
उन्होंने यह भी बताया कि मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी इस मामले में पहले ही निमंत्रण का जवाब दे चुके हैं।
ममता ने कहा, “मैं जानना चाहती हूं कि केंद्र सरकार मुझसे इतनी ‘नाराज’ क्यों है, इस तरह के गुस्से का कारण क्या है? उन्होंने पहले नई दिल्ली में नेताजी की प्रतिमा को तोड़ा था।”
नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का उद्घाटन इस साल 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। हालांकि शुरुआत में यह तय किया गया था कि इस साल 15 अगस्त तक ग्रेनाइट प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने गुरुवार को प्रतिमा का अनावरण किया।
–आईएएनएस
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