काठमांडू| नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के कार्यालय ने आखिरकार पुष्टि कर दी कि भारत की एक्सरटनल स्पाय एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल ने बुधवार की शाम को उनके साथ बैठक की थी। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में ओली के कार्यालय ने उनके और गोयल के बीच बैठक की बात से इनकार कर दिया था। इस बैठक में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए थे।
गोयल दो दिन की नेपाल यात्रा खत्म करके गुरुवार सुबह वापस भारत लौट आए हैं।
नेपाल की मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि 9 सदस्यीय टीम का नेतृत्व करते हुए गोयल ने प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्रियों पुष्पा कमल दहल, शेर बहादुर देउबा, माधव कुमार नेपाल समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की थी। रॉ प्रमुख बुधवार को काठमांडू पहुंचे थे और उनके इस मिशन को गुप्त रखा गया था।
यह यात्रा तब हुई है जब पार्टी के 2 वरिष्ठ नेताओं दहल और नेपाल ने ओली की प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के तौर पर काम करने की शैली को चुनौती दी और उसके बाद से ही ओली एक नए संकट का सामना कर रहे हैं।
हालांकि ओली और दहल के बीच 8 महीने से चल रहा विवाद अगस्त में खत्म हो गया था, फिर भी दहल के करीबी करनाली प्रांत के मुख्यमंत्री महेन्द्र बहादुर शाही को पिछले हफ्ते ओली के अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। इस अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे के साथ ही पार्टी के अंदर की दरारें खुल कर सामने आ गईं।
नई दिल्ली की सरकार को यह भी आशंका है कि काठमांडू का मौजूदा शासन चीन की ओर झुक रहा है, जिसकी जांच नई दिल्ली अपने अलग तंत्र के जरिए करना चाहती है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि ओली भारतीय समर्थन की मदद से अपने और दहल के बीच विवाद को दूर करना चाहते हैं इसलिए गोयल ने यह यात्रा की थी।
प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने कहा कि गोयल और ओली की मुलाकात बुधवार की शाम को बालुवाटर में हुई। बैठक में गोयल ने सदियों पुरानी दोस्ती को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और सीमा मुद्दों को बातचीत और द्विपक्षीय सहयोग से सुलझाने की बात कही। हालांकि थापा ने यह नहीं बताया कि बैठक में ओली ने क्या कहा।
गौरतलब है कि गोयल की यात्रा भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की यात्रा से ठीक पहले हुई है। नरवणे 3 नवंबर को 3 दिवसीय यात्रा के लिए नेपाल में रहेंगे।
–आईएएनएस
और भी हैं
झांसी हादसा : एक हादसे ने छीन ली 10 जिंदगियां, चिल्ड्रन वार्ड कैसे बना बच्चों की ‘कब्रगाह’ ?
जर्मनी में 3.2 मिलियन बुजुर्गों पर बढ़ा गरीबी का खतरा
झांसी अस्पताल हादसा : सीएमएस ने बताया, ‘एनआईसीयू वॉर्ड में लगी आग, ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे