नई दिल्ली: राष्ट्रीय जल जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) – स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की एक नोडल एजेंसी है, इससे प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष डेंगू और चिकनगुनिया के मामले की संभावना बहुत अधिक है । इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी जल जनित बीमारियों को रोकने के लिए नई क्षेत्र में लार्वा जनन विरोधी उपायों और कार्रवाई को मजबूत कर लिया है।
इस साल अप्रैल तक, डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों की संख्या पिछले साल की तुलना में ढाई ( 2.5 ) गुना अधिक पाई गई है, लेकिन आज तक नई दिल्ली नगरपालिका परिषद क्षेत्र में डेंगू या चिकनगुनिया का कोई भी मामले सामने नहीं आया हैं।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रपति भवन, रेल भवन, सरदार पटेल भवन, शास्त्री भवन, नार्थ और साऊथ एवेन्यू और तालकटोरा मार्ग पर सभी परिसरों की जांच के लिए एंटी लार्वा कार्रवाई के उद्देश्य से अपनी क्रॉस चेकिंग टीम को एक एक स्थान जांच करने के आवश्यक निर्देश दिए है। पालिका परिषद के कर्मचारी सभी निर्माण स्थलों और अन्य स्थानों पर जल के संग्रह का पता लगाने के लिए पहले से ही क्षेत्र के परिसरों का दौरा कर रहे हैं।
पालिका परिषद के स्वास्थ्य विभाग ने एंटी लार्वा एक्शन के लिए दो व्हीकल माउंटेड फॉगिंग मशीन, लगभग 30 पोर्टेबल फॉगिंग मशीन और 130 नोजपैक स्प्रेयर मशीनों को तैनात किया हुआ है। क्षेत्र में लार्वा जनन की सघन जांच गतिविधियों को करने के लिए लगभग 162 गैंग मैन हैं। 5 सेनेटरी इंस्पेक्टरों को नई दिल्ली क्षेत्र के सभी 14 स्वच्छता सर्कल्स में मलेरियारोधी कार्य की निगरानी के लिए तैनात किया गया है।
पालिका परिषद के स्वास्थ्य विभाग की टीम के सदस्य ओवरहेड टैंक की बिना कवर के उपस्थिति पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। परिषद ने रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशंस (आरडब्ल्यूए), मार्केट्स ट्रेडर्स एसोसिएशन (एमटीए), पुलिस स्टेशनों के एसएचओ और सीपीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंताओं को अपने अधिकार क्षेत्र में मच्छरों के प्रजनन को रोकने के सभी प्रयासों के लिए एडवाइजरी पत्र जारी किए हैं।
पालिका परिषद के अध्यक्ष द्वारा मुख्य अभियंता (सिविल) को खुले ओवरहेड टैंक, मलबा या अन्य जलसंग्रहण के स्थानों ( हौदी इत्यादि ) का पता लगाने के लिए निर्देश दिया गया है, जहां लार्वा होने की सम्भावना हो सकती है । पालिका परिषद के अध्यक्ष ने अंतर-क्षेत्रीय समन्वय के साथ लार्वारोधी गतिविधियों को और अधिक मजबूत करने तथा नई दिल्ली क्षेत्र में नालों, नालियों और अन्य खुले जल निकायों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए निर्देश दिए है ।
कोरोना वायरस ( कोविद -19 ) महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, पालिका परिषद इस सम्बन्ध में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों को आरडब्ल्यूए, एमटीए के प्रतिनिधियों तथा अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या मोबाइल से मोबाइल के माध्यम से सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करते हुए सम्पर्क बना रही है, जिससे मच्छर नही पनपने देने के लिए वे स्वयं द्वारा भी अपने स्तर पर कार्रवाई कर सकें ।
इस वर्ष कोरोना वायरस (covid19 ) महामारी के कारण, स्कूलों के छात्रों, आरडब्ल्यूए, एमटीए लिए सेमिनार सत्रों या अन्य सार्वजनिक गतिविधियों के बजाय जागरूकता के लिए अब पालिका परिषद एसएमएस संदेशों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, मोबाइल फोन पर कॉल कर रही है, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रही है, सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग और पोस्टर लगा रही है। परिषद जल जनित बीमारी की रोकथाम के बारे में आम जनता को जागरूक करने के लिए ” क्या करें और क्या न करें ” (Do’s & Don’ts) पर पर्चे / पैम्फलेट इत्यादि मुद्रित सामग्री वितरित कर रही है।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद प्रत्येक सप्ताह 50000 एसएमएस जारी कर रही है ताकि निवासियों को अपने इलाके में मच्छरों के प्रजनन को फैलने से रोकने के लिए कार्रवाई करने के लिये जागरूक किया जा सके।
पालिका परिषद ने नई दिल्ली क्षेत्र के सभी निवासियों और आगंतुकों से अपील की है कि वे जल जनित बीमारियों को रोकने के लिए अपनी गतिविधियों में नागरिक निकाय का सहयोग करें और कहा है कि यह स्पष्ट है आम जनता के साथ-साथ सीपीडब्ल्यूडी,अस्पतालों,सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों जैसे अन्य स्थानों के लोगों के समर्थन के बिना,मच्छरों के प्रजनन की जाँच करना अकेले पालिका परिषद के लिये बहुत मुश्किल होगा।
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