नई दिल्ली| देश में बढ़ते कोविड-19 मामलों के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों के मुख्यमंत्री से वर्चुअली मुलाकात की और उन्हें महामारी की ‘सेकेंड पीक’ के खिलाफ तेजी से कदम उठाने की अपील की। पीएम मोदी ने चेतावनी दी कि “अगर हम इसे अब नहीं रोक पाते हैं, तो प्रकोप पूरे देश में बढ़ सकता है।” उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में कोविड-19 वायरस के इस ‘दूसरी पीक’ को रोकने के लिए तेजी से और निर्णायक कदम उठाने का आह्वान किया।
स्थानीय समस्याओं को हल करने के महत्व पर जोर देते हुए, पीएम मोदी ने चेतावनी दी कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में उपलब्धियों से जो आत्मविश्वास मिला है, उसे लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए। मोदी ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 70 जिलों में हाई पॉजिटिविटी रेट पर चिंता व्यक्त की, जहां पिछले कुछ हफ्तों में 150 फीसदी की वृद्धि देखी गई।
उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा, “कोरोना की उभरती हुई इस दूसरी पीक को जल्दी रोकिए।”
साथ ही मोदी ने जोर देकर कहा कि जनता को फिर से पैनिक में नहीं लाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने ‘टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट’ के बारे में गंभीर होने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “ऐसा कीजिए जैसा हम पिछले एक साल से कर रहे हैं”।
“कम से कम समय में हर संक्रमित व्यक्ति के संपर्कों का पता लगाना और आरटी-पीसीआर परीक्षण दर को 70 प्रतिशत तक ले जाना बहुत जरूरी है। केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में और ज्यादा आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने परीक्षण बढ़ाने और छोटे शहरों में ‘रेफरल सिस्टम’ और ‘एम्बुलेंस नेटवर्क’ पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
उन्होंने कहा, “ऐसा इसलिए, क्योंकि अब पूरा देश यात्रा कर रहा है और यात्रा करने वाले लोगों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है। लोगों के बीच जानकारी साझा करने के लिए एक नए तंत्र की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले यात्रियों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है।
देश में टीकाकरण की बढ़ती गति और एक ही दिन में टीकाकरण की संख्या 30 लाख से अधिक होने पर पीएम मोदी ने चेतावनी दी कि टीका की खुराक बर्बाद नहीं होनी चाहिए, इसे गंभीरता से लें।
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 10 प्रतिशत वैक्सीन की बर्बादी का हवाला देते हुए मोदी ने इसे कम करने के लिए स्थानीय स्तर पर योजना बनाने और कमियों में जल्द सुधार की मांग की।
हाल के दिनों में कुछ राज्यों में मामलों की संख्या में वृद्धि के कारण बैठक में आम जनता के बीच कोविड को लेकर उचित व्यवहार रखने की चुनौती पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्रियों ने स्थिति पर अधिक सतर्कता और निगरानी बरतने की जरूरत पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को यह भी बताया कि भारत में 96 प्रतिशत से अधिक मरीज ठीक हो गए हैं और भारत में पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे कम मृत्युदर है। उन्होंने कोविड पर अंकुश लगाने के लिए बुनियादी जरूरतों पर जोर दिया – जैसे मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना और स्वच्छता का ध्यान रखना – इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए और इन विषयों पर लोगों को जागरूक करना होगा। उन्होंने टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने का भी आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से टीका एक्सपायरी डेट के बारे में भी सतर्क रहने को कहा।
उन्होंने जोर देकर कहा, “दवाई भी और कड़ाई भी।”
बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद नहीं थे।
–आईएएनएस
और भी हैं
झांसी हादसा : एक हादसे ने छीन ली 10 जिंदगियां, चिल्ड्रन वार्ड कैसे बना बच्चों की ‘कब्रगाह’ ?
जर्मनी में 3.2 मिलियन बुजुर्गों पर बढ़ा गरीबी का खतरा
झांसी अस्पताल हादसा : सीएमएस ने बताया, ‘एनआईसीयू वॉर्ड में लगी आग, ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे