नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) का शुभारंभ करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 7 साल में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को लास्ट माइल डिलिवरी, लीकेज फ्री और ट्रांसपेरेंट गवर्नेंस का अहम टूल बनाया है। पीएम मोदी ने लॉन्च इवेंट को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए कहा, “आत्मनिर्भर भारत की हमारी ²ष्टि एक सुविचारित, सुनियोजित एकीकृत आर्थिक रणनीति है, जो तकनीकी नवाचारों पर आधारित है। यह सुनिश्चित करेगी कि भारत इसके लिए एक केंद्र बनने के साथ-साथ वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए.. और इसलिए, नियामक वातावरण जिसे हम सक्षम कर रहे हैं, उसने देशहित और हितधारकों, दोनों के हितों को सुनिश्चित करने का काम किया है।”
उन्होंने गरीबों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए आवास इकाइयों की जियो-टैगिंग के उपयोग का उदाहरण दिया कि कैसे उपग्रह इमेजिंग द्वारा विकास परियोजनाओं की निगरानी की जा रही है या यहां तक कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (फसल बीमा) के निपटान में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग कैसे किया जा रहा है।
यह कहते हुए कि अंतरिक्ष सुधारों के लिए केंद्र सरकार का ²ष्टिकोण चार स्तंभों पर आधारित है, प्रधानमंत्री ने कि जब हम स्पेस रिफॉर्म्स की बात करते हैं, तो हमारी अप्रोच 4 स्तंभ (पिलर) पर आधारित है, जिनमें पहला निजी क्षेत्र के लिए नवाचार की स्वतंत्रता; एक सक्षम के रूप में सरकार की भूमिका; युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना और स्पेस सेक्टर को सामान्य मानव की प्रगति के संसाधन के रूप में देखना शामिल है।
उन्होंने कहा कि इन चारों पिलर्स की बुनियाद अपने आप में असाधारण संभावनाओं के द्वार खोलती है।
मोदी ने कहा कि भारत के लिए, अंतरिक्ष क्षेत्र 130 करोड़ देशवासियों की प्रगति का एक प्रमुख माध्यम है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र का मतलब आम आदमी के लिए बेहतर मानचित्रण, इमेजिंग और कनेक्टिविटी सुविधाएं हैं। साथ ही अंतरिक्ष क्षेत्र का मतलब बेहतर गति है। उद्यमियों के लिए शिपमेंट से लेकर डिलीवरी तक, इसका मतलब मछुआरों के लिए बेहतर सुरक्षा और आय तथा प्राकृतिक आपदा का बेहतर पूवार्नुमान लगाना भी है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, “प्रौद्योगिकी जब सबकी पहुंच में होती है, तब कैसे परिवर्तन हो सकते हैं इसका एक और उदाहरण डिजिटल टेक्नोलॉजी है। आज अगर भारत दुनिया की टॉप की डिजिटल इकॉनॉमीज में से एक है, तो इसके पीछे का बड़ा कारण ये है कि हमने डेटा की ताकत को गरीब से गरीब को भी सुलभ कराया है। इसलिए आज जब हम कटिंग एज टेक्नोलॉजी के लिए स्पेस को एक्सप्लोर कर रहे हैं, तब हमें उस नागरिक को याद रखना है, जो अंतिम पायदान पर खड़ा है। हमें याद रखना है कि भविष्य की टेक्नोलॉजी से हमें दूर-सुदूर के गांव में गरीब से गरीब को उत्तम रिमोट हेल्थकेयर, बेहतर वर्चुअल एजुकेशन, प्राकृतिक आपदा से बेहतर और प्रभावी सुरक्षा, ऐसे अनेक समाधान देश के हर वर्ग, हर कोने तक पहुंचाने हैं। हम सब जानते हैं कि इसमें स्पेस टेक्नोलॉजी का बहुत योगदान हो सकता है।”
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के संबंध में एक स्पष्ट नीति के साथ आगे बढ़ रही है और इनमें से अधिकांश क्षेत्रों को निजी उद्यमों के लिए खोल रही है, जहां सरकार की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के संबंध में निर्णय हमारी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि कैसे सभी हितधारकों के इनपुट के साथ स्पेसकॉम और रिमोट सेंसिंग नीतियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
–आईएएनएस
और भी हैं
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का पेश किया दावा, 28 को लेंगे शपथ
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से, पेश होंगे कई महत्वपूर्ण विधेयक
आईएफएफआई देश में फिल्म इंडस्ट्री के विकास में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ : अश्विनी वैष्णव