नवनीत मिश्र
नई दिल्ली| बिहार में जिस तरह से साइलेंट वोटर बनकर महिलाओं ने भाजपा की चुनावी नैया पार लगाई, कुछ उसी तरह की उम्मीद पार्टी को अब पश्चिम बंगाल में भी है। यही वजह है कि गृहमंत्री ने पश्चिम बंगाल के चुनाव में ऐसा ट्रंप कार्ड खेला है, जिसने चुनावी माहौल में हलचल मचा दी है। गृहमंत्री अमित शाह ने बीते 18 फरवरी को पश्चिम बंगाल की एक रैली में भाजपा की सरकार बनने पर महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का दावा कर बड़ा दांव चला है। माना जा रहा है कि इस कदम से पश्चिम बंगाल में भाजपा को महिला मतदाताओं के एक बड़े वर्ग का ‘आशीर्वाद’ प्राप्त हो सकता है।
बंगाल में निर्णायक है महिला वोटबैंक
पश्चिम बंगाल में करीब साढ़े सात करोड़ वोटर हैं। जिसमें से करीब 50 प्रतिशत यानी साढ़े तीन करोड़ महिला वोटर हैं। जाहिर सी बात है कि इस आधी आबादी के पास चुनाव नतीजों में बड़ा उलटफेर करने की क्षमता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इसलिए भारतीय जनता पार्टी महिलाओं के बीच एक बड़ी रणनीति से काम करने में जुटी है। ऐसे में गृहमंत्री अमित शाह ने 33 प्रतिशत आरक्षण का दांव चलकर महिलाओं के बीच भाजपा की बैठ बनाने की कोशिश की है।
गृहमंत्री अमित शाह ने बीते 18 फरवरी को दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, “हमारा उद्देश्य सिर्फ ममता बनर्जी सरकार को हटाकर भाजपा सरकार को लाना नहीं है। हमारा उद्देश्य है कि बंगाल की स्थिति में परिवर्तन आए, राज्य के निर्धनों के जीवन में परिवर्तन आए, राज्य की महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन आए। पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार महिलाओं को 33 फीसदी रिजर्वेशन देगी।”
राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल आईएएनएस से कहते हैं कि, “पिछले कई चुनावों में भाजपा को महिला मतदाताओं का साथ मिलता रहा है। सीधा फायदा पहुंचाने वाली मोदी सरकार की कई योजनाओं ने महिलाओं को प्रभावित किया है। बिहार चुनाव में एनडीए की सफलता के पीछे महिलाओं की भूमिका को खुद प्रधानमंत्री मोदी भी स्वीकार कर चुके हैं। ऐसे में पश्चिम बंगाल में महिला आरक्षण के वादे के जरिए भाजपा ने बड़ा दांव चला है।”
बीजेपी की रणनीति
पश्चिम बंगाल में महिलाओं के बीच पैठ बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी उनसे जुड़े मुद्दों को चुनावी चर्चा का विषय बना रही है। राज्य में महिला अपराध की घटनाओं को भाजपा के नेता हर चुनावी रैलियों में प्रमुखता से उठा रहे हैं। मोदी सरकार की उज्जवला, जनधन आदि योजनाओं का पार्टी नेता खूब प्रचार-प्रसार करने में जुटे हैं। ताकि पश्चिम बंगाल की महिलाओं को भाजपा के प्रति आकर्षित किया जा सके।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के एक प्रमुख पदाधिकारी ने आईएएनएस से नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, “यह कहना गलत होगा कि भाजपा महिलाओं का वोट पाने के लिए आरक्षण आदि से जुड़े वादे कर रही है। महिलाओं के अधिकारों के लिए भाजपा हमेशा लड़ती रही है। 33 प्रतिशत आरक्षण पाकर महिलाएं, सरकारी सेवाओं में सशक्त भूमिका निभाएंगी। मोदी सरकार ने महिलाओं की बेहतरी के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं। ऐसे में पश्चिम बंगाल के चुनाव में महिला मतदाताओं की पहली पसंद भाजपा ही है।”
–आईएएनएस
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