मनोज पाठक, पूर्णिया: दीपों के पर्व दिवाली में इस बार बिहार के एक गांव में अनोखी पहल की शुरुआत हो रही है। इस गांव में इस वर्ष दीप, मोमबत्ती और पटाखों से अलग हटकर सौर ऊर्जा के जरिए दिवाली मनाने की योजना बनाई गई है। पूर्णिया जिला स्थित चनका गांव में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाली ‘चनका रेसीडेंसी’ ने यह कोशिश की है।
‘चनका रेसीडेंसी’ गांव के आठवीं से दसवीं कक्षा तक के कुछ बच्चों को सोलर लालटेन देने की योजना बनाई है।
‘रूरल टूरिज्म’ को प्रमोट करने के लिए जिले के श्रीनगर प्रखंड के चनका गांव में ‘चनका रेसीडेंसी’ चलाने वाले ब्लॉगर, लेखक और किसान गिरीन्द्र नाथ झा बताते हैं, “दीप, मोमबत्ती और पटाखों से अलग हटकर भी हम बहुत कुछ कर सकते हैं। चनका रेसीडेंसी इस बार दीपावली में चनका के कुछ बच्चों को शाम में पढ़ाई करने के लिए सोलर लालटेन देने जा रही है। दोस्तों के सहयोग से ‘चनका रेसीडेंसी’ ने इस पहल की शुरुआत की है।”
उन्होंने बताया, “इसके तहत 10 से 15 सोलर लालटेन के जरिए हम इस मुहिम की शुरुआत कर रहे हैं। लालटेन की तरह हल्का और एलईडी लाइट वाला यह लालटेन बहुत काम की चीज है। इस दीपावली एक सोलर प्लेट और एक सोलर लालटेन से हम कुछ बच्चों की आंखों तक शब्द पहुंचाने की कोशिश करेंगे।”
गिरीन्द्र ने आईएएनएस को बताया कि सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने दोस्तों के सहयोग से कुछ फंड इकट्ठा कर बच्चों के बीच सोलर लालटेन बांटने की योजना बनाई है।
उन्होंने कहा, “हम दीपावली में सैकड़ों रुपये पटाखों में खर्च करते हैं, लेकिन अभी भी गांव में ऐसे कई घर हैं जहां बच्चे प्रकाश के अभाव में पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। शाम में पढ़ाई के वक्त बिजली का अभाव रहता है, इसलिए मैंने ऐसे बच्चों का चयन कर उन तक सोलर लालटेन पहुंचाने की योजना बनाई है।”
गिरीन्द्र का कहना है, “शिक्षा के क्षेत्र में हम सब अपने स्तर पर कुछ न कुछ कर सकते हैं। हर समस्या के लिए हम सब केवल सवाल उठा देते हैं जबकि हम अपने स्तर पर कुछ बदलाव तो कर ही सकते हैं। इसी कड़ी में हमने अपने दोस्तों के सहयोग से सोलर लालटेन का भार उठाया है।”
गौरतलब है कि चनका रेसीडेंसी में साहित्य, कला, संगीत, विज्ञान और समाज के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े ऐसे लोग शामिल होते हैं, जिनकी रुचि ग्रामीण परिवेश में है। इस कार्यक्रम के जरिए गिरीन्द्र बिहार में ग्राम्य पर्यटन को बढ़ावा दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी की पहल से चनका में ‘मेरी पाठशाला’ भी चलती है, जहां शाम में बच्चे पढ़ाई करते हैं।
–आईएएनएस
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