शिखा त्रिपाठी, नई दिल्ली: बॉलीवुड में ‘ड्रीमगर्ल’ के नाम से पहचानी जाने वाली अभिनेत्री हेमा मालिनी का नाम आज भी सभी की जुबां पर है। शायद ही इस दौर में कोई ऐसा हो, जो उन्हें न जानता हो। बॉलीवुड की यह अभिनेत्री भरतनाट्यम की एक बेहतरीन नृत्यांगना भी हैं। वह उन गिनी-चुनी अभिनेत्रियों में से हैं, जिनमें खूबसूरती और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है।
हेमा मालिनी का जन्म तमिलनाडु के अम्मानकुडी नामक स्थान में 16 अक्टूबर, 1948 को हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा चेन्नई के आंध्र महिला सभा में हुई। उनका बचपन तमिलनाडु के विभिन्न शहरों में बीता, उनके पिता वी.एस.आर. चक्रवर्ती तमिल फिल्मों के निर्माता थे।
उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया, लेकिन करियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा, जब एक निर्माता-निर्देशक ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है।
हेमा को तमिल फिल्मों के निर्देशक श्रीधर ने वर्ष 1964 में यह कहकर उन्हें काम देने से इनकार कर दिया था कि उनके चेहरे में कोई स्टार अपील नहीं है, लेकिन बाद में बॉलीवुड में वह ‘ड्रीम गर्ल’ कहलाने वाली एकमात्र अभिनेत्री बनीं।
उन्हें पहला ब्रेक अनंत स्वामी ने दिया। उन्होंने हिंदी फिल्मों में ‘सपनों का सौदागर’ (1968) के साथ करियर की शुरुआत की। इस फिल्म में वह राज कपूर के साथ दिखाई दी थीं। उस समय वह महज 16 वर्ष की थीं।
राज कपूर ने उनका पहला स्क्रीन टेस्ट लिया। खुद हेमा मालिनी का भी मानना है कि आज वह जो भी है राज कपूर की बदौलत है। राज कपूर के साथ काम करने के बाद हेमा मालिनी को देवानंद के साथ फिल्म ‘जॉनी मेरा नाम’ में काम करने का मौका मिला। यह फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई।
उन्हें पहली सफलता ‘जॉनी मेरा नाम’ (1970) के साथ ही मिली। उन्हें पहला बड़ा ब्रेक रमेश सिप्पी की फिल्म ‘अंदाज'(1971)में मिला।
सत्तर के दशक में माना जा रहा था कि हेमा मालिनी केवल ग्लैमर वाले किरदार ही निभा सकती हैं, लेकिन उन्होंने 1975 की ‘खुशबू’ 1977 की ‘किनारा’ और 1979 की ‘मीरा’ जैसी फिल्मों में संजीदा किरदार निभाकर अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया।
वर्ष 1972 में ‘सीता और गीता’ में उनके किरदार व सहज अभिनय ने उन्हें बुलंदियों पर पहुंचाया।
इस दौरान हेमा मालिनी के सौंदर्य और अभिनय का जलवा छाया हुआ था। इसी को देखते हुए निर्माता जया चक्रवर्ती, गुलशन राय और जे.के. बहल ने वर्ष 1977 में उन्हें लेकर फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ का निर्माण तक कर दिया।
अपने फिल्मी करियर में उन्होंने अमिताभ, राजेश खन्ना, जितेंद्र, संजीव कुमार के साथ-साथ और भी कई अभिनेताओं के साथ काम किया।
वर्ष 1975 की फिल्म ‘शोले’ सुपरहिट रही। इसमें अपने चुलबुले अंदाज से उन्होंने सभी का मन मोह लिया। फिल्म से उनका वही अंदाज आज भी चर्चा में है।
हेमा मालिनी ने धर्मेद्र के साथ करीब 25 फिल्मों में काम किया और लगभग सभी हिट हुईं। उन्होंने वर्ष 1980 में अभिनेता धर्मेद्र से शादी की और उनकी दो बेटियां ईशा एवं आहना हैं।
वर्ष 1977 में हेमा मालिनी की मां ने उन्हें लेकर ‘ड्रीम गर्ल’ नाम से एक फिल्म भी बनाई थी।
वर्ष 1990 में हेमा मालिनी ने छोटे पर्दे की ओर भी रुख किया और धारावाहिक नूपुर का निर्देशन भी किया। इसके बाद वर्ष 1992 में फिल्म अभिनेता शाहरुख खान को लेकर उन्होंने फिल्म (दिल आशना है) का निर्माण और निर्देशन किया। वर्ष 1995 में उन्होंने छोटे पर्दे के लिए ‘मोहिनी’ का निर्माण और निर्देशन किया।
फिल्मों में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभाने के हेमा मालिनी ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया और भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सदस्य बनीं।
हेमा मालिनी को फिल्मों में उल्लेखनीय योगदान के लिए 1999 में फिल्मफेयर का लाइफटाइम एचीश्री सम्मान से भी सम्मानित किया गया।
उन्होंने अपने चार दशक के करियर में लगभग 150 फिल्मों में काम किया। उन्होंने ‘सीता और गीता’, ‘प्रेम नगर’, ‘अमीर गरीब’, ‘शोले’, ‘महबूबा चरस’, ‘ड्रीम गर्ल’, ‘किनारा’,’त्रिशूल’, ‘मीरा’, ‘कुदरत’, ‘अंधा कानून’, ‘रजिया सुल्तान’, ‘रिहाई’, ‘जमाई राजा’, ‘बागबान’, ‘वीर जारा’ जैसी फिल्मों में काम किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अभिनेत्री और भाजपा सांसद हेमा मालिनी की जीवनी ‘बियॉन्ड द ड्रीमगर्ल’ में एक छोटी सी प्रस्तावना भी लिखी, स्टारडस्ट के पूर्व संपादक और निर्माता राम कमल मुखर्जी की यह किताब 16 अक्टूबर को उनके69वें जन्मदिन पर लांच होगी, इस दिन भारतीय सिनेमा में हेमा मालिनी के 50 साल भी पूरे हो जाएंगे।
बॉलीवुड में कई हसीन अदाकाराएं आईं और गईं, लेकिन कोई भी आजतक ड्रीम गर्ल की जगह नहीं ले सकीं। जन्मदिन के इस मौके पर बॉलीवुड की खूबसूरत और अदाकारा को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं!
–आईएएनएस
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