पटना : बिहार में नई आशा और विश्वास के साथ एक चमकते बिहार के निर्माण के लिए बिहार में पहली बार एक ऐसा गठबंधन हुआ है जो समूचे बिहार के दर्द को दूर करने के लिए इस चुनाव में उतरा है बिहार में जातिवाद भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद एवं अपराध को उखाड़ फेंकने के लिए इस गठबंधन का जन्म हुआ है यह गठबंधन बिहार में रोजगार निशुल्क शिक्षा और उद्योगों को बढ़ावा देकर एक नई बिहार की नींव रखेगा गठबंधन में ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट, नेशनल लोकमत पार्टी, क्रांति मोर्चा दल , और राष्ट्रीय सेकुलर मजलिस पार्टी ने मिलकर यह गठबंधन किया है। इस गठबंधन ने आज पटना के मोर्या होटल में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया।प्रेस वार्ता में गठबंधन के सभी नेता मौजूद थे। वार्ता में ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस एम आसिफ ने कहा कि बिहार को पिछली एक सदी से लूटा गया है। और पिछले लंबे समय से बिहार को नीतीश तो कभी लालू ने बर्बाद ही किया है। लेकिन इस बार बिहार प्रगतिशील गठबंधन बीपीए बिहार को नया विकल्प देगा और सरकार बनाएगा। आसिफ ने कहा कि हमारा गठबंधन बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इसके लिए आज हमने 139 उम्मीदवारों की घोषणा की है। जबकि अन्य उम्मीदवारों की घोषणा गठबंधन जल्दी कर देगा।
बिहार के बारे में जानकारी देते हुए ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस एम आसिफ ने बताया कि हम बिहार के प्रत्येक जिले में रोजगार की व्यवस्था करेंगे जिससे कि हर हाथ को काम मिले साथ ही प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी करेंगे जिससे गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा प्राप्त हो सके।उन्होंने कहा कि इस बार गठबंधन की सरकार बनेगी। उन्होंने बताया कि यदि उनकी सरकार बनेगी तो वह राज्य के बेकलोग के रिक्त पदों को तुरंत भरेंगे जिससे कि यहां के शिक्षित युवाओं को सरकारी नौकरी मिल सके । उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के नियोजित शिक्षकों को बंधुआ मजदूर बनाए रखना बिहार के साथ सरकार द्वारा अन्याय है। प्राइवेट स्कूल उद्योगपतियों द्वारा संचालित जिसमें छात्र और शिक्षक दोनों का शोषण हो रहा है इस की उचित व्यवस्था सरकार के नियंत्रण में होनी चाहिए। उत्तरी बिहार बाढ़ की विभीषिका से आजादी के बाद से ही पीड़ित है और इसे आपदा कि संज्ञा दे टाल दिया जाता है।
इसका स्थाई समाधान सरकार को खुद नहीं चाहिए वरना हर साल भर राखी घोटाला होता है। और यह नेताओं भ्रष्ट ऑफिसर का भृष्टचार बन जाता है और इस समस्या को सरकार बरकरार रखना चाहती है निदान नहीं करना चाहती। मजदूरों का पलायन बेरोजगारी बिहार की एक मुख्य समस्या बन चुकी है यहां का मानव शक्ति दूसरे राज्यों को मजबूत बनाती है
लेकिन बिहार सरकार उनकी योग्यताअनुसार यहां उद्योगों की स्थापना नहीं कर पलायन को बढ़ावा देती है और राज्य को कमजोर भी बनाती है। बिहार भ्रष्ट राजनीतिज्ञ और भ्रष्ट अधिकारियों के चंगुल में बुरी तरह फंस चुका है इसे तोड़ना अति आवश्यक हो गया है अभी तक की सरकार नतमस्तक हैं सारी सरकारें इनके आगे नतमस्तक रहीं हैं। बिहार में किसान और मजदूर फकीर बन चुके है। अधिकतम किसान मजदूरों की श्रेणी में आ चुके हैं 5 एकड़ से नीचे के किसान को मजदूर ही कहा जा सकता है। उनकी व्यवस्था कृषि आधारित उद्योगों से जोड़ के रोजगार परक बनाई जा सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकारी स्कूल के नियोजित शिक्षकों को बंधुआ मजदूर बनाए रखना बिहार के साथ सरकार द्वारा अन्याय है। इन सबसे बिहार कहरा रहा है और हमारा गठबंधन यदि सरकार बनता है। तो हम इन सभी समस्याओं का समाधान करेंगे।
राष्ट्रीय सेकुलर मजलिस पार्टी के अध्यक्ष मोहम्मद अशहरुल हक ने बताया कि गठबंधन बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा जबकि नेशनल लोकमत पार्टी के प्रदेश प्रभारी महताब आलम ने कहा कि गठबंधन में हर जाति और धर्म के लोगों को टिकट दिया गया है।
बीपीए का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम
1- किसानों का कर्जा माफ करेंगे
2- गरीब लड़की की शादी के लिए 1 लाख रुपया देंगे
3- महिलाओ के लिए फ्री बस यात्रा देंगे
4 – बेरोजगारी भत्ता 3000 करेंगे
5- वृद्धा और विधवा पेंशन 5000 करेंगे
6- उर्दू भाषा को उसका हक देंगे
7- मदरसों का पुनः निर्माण करेगे
8- अगनबारी कार्यकर्ताओ का मानदेय 10 हज़ार और हेल्पर का 5 हज़ार और आशा वर्कर का 3000 करेगे
9- पानी और बिजली के बिल आधे करेंगे
और भी हैं
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