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Varanasi: Students of Banaras Hindu University (BHU) stage a protest against the molestation of a student inside the campus in Varanasi on Sept 23, 2017. (Photo: IANS)

बीएचयू हिंसा : कमिश्नर ने मुख्य सचिव को सौंपी रिपोर्ट, बीएचयू प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार

 

लखनऊ/बनारस| काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शनिवार रात को छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले में बनारस के कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इस रिपोर्ट में उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रशासन को दोषी ठहराया है। इस बीच बीएयचू प्रशासन ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है। 

शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गोकर्ण ने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव राजीव कुमार को भेज दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएचयू प्रशासन ने पीड़िता की शिकायत को संवेदनशील तरीके से हैंडल नहीं किया और वक्त रहते इसका समाधान नहीं किया गया।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर वक्त रहते इस मामले को सुलझा लिया गया होता तो इतना बड़ा विवाद खड़ा नहीं होता। रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे मामले में सबसे बड़ा दोष प्रशासन का ही है, वह चाहते तो यह मामला आराम से निपट सकता था।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर वक्त रहते इस मामले को सुलझा लिया गया होता तो इतना बड़ा विवाद खड़ा नहीं होता। रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे मामले में सबसे बड़ा दोष प्रशासन का ही है, वह चाहते तो यह मामला आराम से निपट सकता था।

इस बीच, बीएचयू के कुलपति प्रो़ गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा है कि परिसर में छात्राओं पर लाठीचार्ज नहीं हुआ। कार्रवाई उन पर की गई जो विश्वविद्यालय की संपत्ति को आग लगा रहे थे। पेट्रोल बम फेंक रहे थे और पत्थरबाजी कर रहे थे। किसी भी छात्रा पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसका एक भी प्रमाण नहीं है।

कुलपति ने कहा, “23 सितम्बर की रात को लगभग 8.30 बजे जब मैं छात्राओं से मिलने त्रिवेणी छात्रावास जा रहा था उस समय अराजक तत्वों ने मुझे रोक कर आगजनी एवं पत्थरबाजी शुरू कर दी।”

कुलपति ने कहा कि पीड़ित छात्रा और उसकी सहेलियों के साथ उन्होंने दो बार मुलाकात की। छात्राओं ने उन्हें बताया था कि धरने का संचालन खतरनाक किस्म के अपरिचित लोग कर रहे हैं। उन लोगों ने पीड़ित छात्रा को धरना स्थल पर बंधक बना कर जबरन बिठाए रखा था। पुलिस ने ऐसे तत्वों को कैंपस से बाहर करने के लिये ही बल प्रयोग किया। 

इस बीच, बीएचयू प्रशासन ने इस पूरी घटना की न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वी. के. दीक्षित की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है। 

बीएचयू प्रशसास से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय में 65 और संवेदनशील स्थलों को चिन्हित किया गया है, जहां सीसीटीवी कैमरे स्थापित होंगे। प्रथम चरण में विश्वविद्यालय के द्वार और महिला छात्रावास पर इन्हें लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सुरक्षा तंत्र में महिला सुरक्षाकर्मियों को भी शामिल किया जा रहा है। 

महिला छात्रावासों के आसपास के मार्गो पर वाहनों के प्रतिबंधात्मक प्रवेश की व्यवस्था होगी। खराब स्ट्रीट लाइट को ठीक कराकर अतिरिक्त स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। सुव्यवस्थित सुरक्षा योजना बनाई जा रही है, जिसमें सुझाव के लिए वरिष्ठ छात्राओं को शामिल किया जाएगा। महिला छात्रावासों के स्तर पर छात्राओं के प्रतिनिधि को भी शामिल किए जाने का निर्णय किया गया है। 

–आईएएनएस

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