नई दिल्ली:पंजाब को वैश्विक नक्शे पर लाने, पर्यटन को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के मंतव्य से मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पठानकोट की रणजीत सागर झील को अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
पंजाब को पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए कदम उठाते हुए पंजाब सरकार ने आज नई दिल्ली में निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया, जिससे राज्य में पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में प्राईवेट सैक्टर को निवेश करने का न्योता दिया जा सके।
सम्मेलन के दौरान जहाँ रणजीत सागर झील को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया गया, वहीं पर्यटन स्थलों के तौर पर विकसित किये जाने की संभावना वाले कई अन्य प्रोजैक्ट भी प्रदर्शित किये गए। अन्य प्रोजेक्टों में कपूरथला में दरबार हॉल और गोल कोठी, संगरूर में संगरूर कोठी, अमृतसर और मोहाली में कनवैंशन सैंटर, शाहपुर कंडी का किला आदि शामिल हैं।
हरियाली और पहाडिय़ों से घिरी रणजीत सागर झील के साथ 74.76 एकड़ में फैली इस साइट में पर्यटन की बहुत संभावना है, क्योंकि यह डलहॉज़ी के रास्ते में स्थित है और मशहूर पर्यटन स्थलों धर्मशाला, पालमपुर, चम्बा और वैष्णो देवी, कटड़ा के नज़दीक है।
पंजाब के मुख्य सचिव श्री अनिरुद्ध तिवारी ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए बताया कि पठानकोट की रणजीत सागर झील को सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी (पी.पी.पी.) के अंतर्गत अति-आधुनिक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जायेगा, जिसके लिए राज्य सरकार ने पहले ही पर्यावरण और वन पड़ाव-1 सम्बन्धी मंज़ूरी प्राप्त कर ली है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में भौगोलिक पक्ष से दिलकश और भांति-भांति की प्राकृतिक सुन्दरता होने के कारण इस संभावना को नागरिकों के लिए खोलने की कल्पना की गई है, जो प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी मदद करेगा। इसके साथ ही ना केवल प्राकृतिक विरासत को संभाला जा सकेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजग़ार के मौके भी सृजित किए जा सकेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के दूरदर्शी वाली नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल के साथ मज़बूत आर्थिक आधार विकसित करने का इरादा रखती है। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री ने हाल ही में पर्यटन संबंधी प्रोजैक्टों की समीक्षा की और राज्य भर में अलग-अलग पर्यटन प्रोजैक्टों को चिन्हित करने और शुरू करने के निर्देश दिए। इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने यह निवेशक सम्मेलन करवाया है।’’
निवेशकों को पंजाब में निवेश करने का न्योता देते हुए श्री अनिरुद्ध तिवारी ने उनको राज्य द्वारा अपनाई गई ‘ईज़ ऑफ डुईंग बिजऩस’ नीति के बारे में भी अवगत करवाया, जो निवेशकों को एक ही जगह पर परेशानी रहित मंज़ूरियां प्रदान करने के अलावा उनको निवेश के लिए और रियायतें प्रदान करती है।
इस सम्मेलन में पर्यटन क्षेत्र की नामवर संस्थाओं जिनमें आईटीसी हॉसपिटैलिटी, ताज, महेन्द्रा होलीडेज़, मेरियट, हयात, पार्क, सीजीएच अर्थ और अन्य बहुत सी संस्थाओं ने हिस्सा लिया।
पर्यटन क्षेत्र के नुमायंदों को संबोधित करते हुए पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के प्रमुख सचिव श्री तेजवीर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य राज्य में ‘रिस्पॉन्सीबल टूरिज्म’ को सक्रियता से समर्थन देकर पर्यावरण सम्बन्धी संवेदनशील पर्यटन स्थलों को विकसित करना है। रणजीत सागर झील की शानदार सुंदरता पर्यटन और इकौ-रिजोर्ट, एडवेंचर और वॉटर स्पोट्र्स और अन्य गतिविधियों के लिए अपार संभावनाएं रखती है, जो सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी।
इस मौके पर पर्यटन मंत्रालय (भारत सरकार) के अतिरिक्त सचिव श्री राकेश कुमार वर्मा, आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग पंजाब के प्रमुख सचिव श्री अजय कुमार सिन्हा, पंजाब बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड (पी.आई.डी.बी.) के मैनेजिंग डायरैक्टर श्री मोहम्मद तय्यब, पी.आई.डी.बी. के अतिरिक्त मैनेजिंग डायरैक्टर श्री यशनजीत सिंह, इनवैस्ट पंजाब के अतिरिक्त सी.ई.ओ श्री ऊमा शंकर गुप्ता और पर्यटन पंजाब विभाग के सलाहकार श्री शिवदुलार सिंह ढिल्लों उपस्थित थे।
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