कोलकाता| नंदीग्राम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुवेंदु अधिकारी से हार का सामना करने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भवानीपुर से उपचुनाव लड़ सकती हैं। भवानीपुर के मौजूदा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष बिमन बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया है।
हालांकि, चट्टोपाध्याय के कैबिनेट मंत्री के रूप में बने रहने और किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है।
स्पीकर बनर्जी ने एक बयान में कहा, चट्टोपाध्याय ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है और उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं किया गया है। इसलिए, मैं इस्तीफा स्वीकार करता हूं।
चट्टोपाध्याय राज्य के कृषि मंत्री बने रहेंगे और उनके उत्तर 24 परगना जिले के खरदाहा से उपचुनाव लड़ने की संभावना है।
अपना इस्तीफा सौंपने के बाद मीडिया से बात करते हुए चट्टोपाध्याय ने कहा, इस्तीफा देना हमेशा दुखद होता है, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं, क्योंकि मुख्यमंत्री इस सीट से चुनाव लड़ेंगी। उन्हें निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में विधानसभा में वापस आना होगा। राज्य को उनकी जरूरत है। इसलिए किसी को इस्तीफा देना होगा और मुझे खुशी है कि पार्टी ने मुझे इस उद्देश्य के लिए चुना है।
उन्होंने कहा, मुझ पर कोई दबाव नहीं है। पार्टी ने यह फैसला मुझ पर छोड़ दिया था और मैंने पद छोड़ने का फैसला किया। मैं पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम करना जारी रखूंगा।
ऐसे संकेत हैं कि चट्टोपाध्याय खरदाहा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं।
पार्टी ने पहले तय किया था कि वित्त मंत्री अमित मित्रा, जो इस साल चुनाव नहीं लड़े थे, इस उत्तर 24 परगना निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन तृणमूल के सूत्रों ने कहा कि मित्रा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं और इसलिए चट्टोपाध्याय इस सीट से चुनाव लड़ेंगे।
खरदाहा विधानसभा सीट इसलिए खाली पड़ी है, क्योंकि इस सीट से जीती तृणमूल उम्मीदवार काजल सिन्हा की चुनाव के बाद मौत हो गई थी।
पार्टी के सूत्रों ने यह भी कहा कि चट्टोपाध्याय से पूछा गया था कि क्या वह राज्यसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व करना चाहेंगे, लेकिन उन्होंने अनिच्छा व्यक्त की और इसलिए यह तय किया गया कि वह खरदाहा से चुनाव लड़ेंगे।
इस बारे में पूछे जाने पर चट्टोपाध्याय ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और कहा कि अंतिम फैसला पार्टी और मुख्यमंत्री करेंगी।
हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर भवानीपुर से मुख्यमंत्री की उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की है, लेकिन संकेत हैं कि वह दक्षिण कोलकाता की इस सीट से चुनाव लड़ेंगी, जहां से उन्होंने पिछले दो कार्यकालों में जीत हासिल की थी।
इस साल उन्होंने सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ पूर्वी मिदनापुर की नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया था, जहां वह अधिकारी से एक कड़े मुकाबले में हार गई थीं।
हालांकि बनर्जी ने हार के बावजूद राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है, लेकिन नियमों के मुताबिक उन्हें सरकार बनने के छह महीने के भीतर विधायक बनना होगा।
पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया कि बनर्जी ने भवानीपुर से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है और इसलिए चट्टोपाध्याय को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।
–आईएएनएस
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