नई दिल्ली| केंद्र सरकार की ओर से सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की कवायद के खिलाफ बुधवार को आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने देश भर में धरना-प्रदर्शन किया। भारतीय मजदूर संघ से जुड़े पीएसयू यूनियन ने इस धरना- प्रदर्शन का आयोजन किया। इस दौरान छह सौ से ज्यादा स्थानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा गया, जिसमें कर्मचारियों ने निजीकरण बंद करने की मांग की है।
‘सेव पब्लिक सेक्टर, सेव इंडिया’ के बैनर तले विरोध प्रदर्शन के दौरान कोल, डिफेंस, रेलवे सेक्टर के निजीकरण और पीएसयू को निजी हाथों को बेचने की सरकारी कोशिशों पर नाराजगी जताई गई। बैंकों के मर्जर और एफडीआई की सीमा को बढ़ाने के खिलाफ भी कर्मचारियों ने गुस्से का इजहार किया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को दफ्तरों के खुलने के समय से ही कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन शुरू किया। पोर्ट, शिपयार्ड, कोल फील्ड, माइनिंग, स्टील प्लांट, रेलवे और डिफेंस सेक्टर के पीएसयूज ऑफिसों पर धरना हुआ। एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया, एमटीएनएल, एनएचपीसी, इंडियन आयल कारपोरेशन, बीपीसीएल, ओएनजीसी के स्टाफ ने इस विरोध प्रदर्शन में खास तौर से हिस्सा लिया। भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक, कोल एरिया में 106, रेलवे में 257, डिफेंस में 100, स्टील इंडस्ट्री में 17 स्थानों, बैंकों में 50 स्थानों पर धरना आयोजित हुआ। भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महासचिव विरजेश उपाध्याय ने डिफेंस कर्मचारियों को दिल्ली कैंटोनमेंट एरिया में तो संगठन महामंत्री बी सुरेंद्रन ने डीआरएम ऑफिस नार्दर्न रेलवे और कनाट प्लेस में बैंक कर्मचारियों को संबोधित किया। क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने उत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन के विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
–आईएएनएस
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