नई दिल्ली: भारत रोजगार प्रशिक्षण व कौशल हासिल करने के लिए तकीनीकी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को जापान भेजेगा। इसके लिए भारत और जापान के बीच पिछले साल एक समझौता हुआ था।
इसी सिलसिले में इस सप्ताह राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सहयोग से यहां तकनीकी प्रशिक्षु प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीआईटीपी) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में जापान अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी निगम संगठन (जीटको) और भारत में जापान दूतावास के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर एमएसडीईई सचिव डॉ के.पी कृष्णन ने कहा, “देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। बस उसमें निखार लाने की जरूरत है। कुशल प्रशिक्षण प्राप्त हो तो भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में इनका अहम योगदान हो सकता है।”
जीटको के वरिष्ठ उपाध्यक्ष केनसुके सुजुकी ने कहा कि इस महत्वपूर्ण सहयोग से दोनों देशों के बीच ज्ञान साझा करने में वृद्धि होगी। यह पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी है, जिसमें जापान प्रतिभावान लोगों की सेवा का लाभ ले सकते हैं और बदले में उन्हें वहां स्थित संगठनों में काम करने का अविश्वसनीय और सार्थक अनुभव प्रदान कर सकते हैं।
टीआईटीपी के महत्व को रेखांकित करते हुए एमएसडीईई सचिव डॉ के.पी कृष्णन ने कहा कि टीआईटीपी कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री की भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने की दूरदृष्टि को दिखाता है। देश में प्रतिभाओं की असीम संभावनाएं हैं, अगर उन्हें गुणवत्ता और समृद्ध कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाए तो वे अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
एनएसडीसी के प्रबंध निदेशक व सीईओ मनीष कुमार ने कहा, “मौजूदा दौर में कौशल विकास का विशेष महत्व है। बेहतर कल के लिए कुशल मानवशक्ति की जरूरत है। टीआईटीपी जैसी पहल से हमारे देश के युवा पूरी दुनिया में रोजगार पाने में समर्थ होंगे।”
जीटको के वरिष्ठ उपाध्यक्ष केनसुके सुजुकी ने कहा, “इस महत्वपूर्ण सहयोग से दोनों देशों के बीच के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान होगा। दोनों देश परस्पर लाभान्वित होंगे।”
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस व कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अक्टूबर 2017 में इस सिलसिले में जापान के साथ एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
इस समझौते के तहत भारत के कुशल तकनीकी प्रशिक्षु को जापान में रोजगार परक प्रशिक्षण दिए जाने के जिक्र किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत भारत से प्रशिक्षित लोगों को निर्धारित अवधि तक नौकरी प्रशिक्षण के लिए जापान भेजा जाएगा। यह निर्धारित अवधि अधिकतम पांच साल हो सकती है। एनएसडीसी को भारत में एमएसडीई की कार्यकारी शाखा के रूप में इस कार्यक्रम के प्रबंधन और निगरानी के लिए ‘कार्यान्वयन और निगरानी एजेंसी’ के रूप में नियुक्त किया गया है।
–आईएएनएस
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