अयोध्या: अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के भूमिपूजन का समय एक ऐसा ऐतिहासिक पल था जिसे भारतीय राजनीति के सर्वोत्तम से भी उत्तम क्षण के रूप में रेखांकित किया जाएगा। वाराणसी और अयोध्या के पंडितों द्वारा आयोजित इस भूमिपूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने पूजा की सभी रस्में निभाईं। भूमि पूजन के लिए खोदे गए गड्ढे में विभिन्न धार्मिक स्थानों से लाई गई पवित्र मिट्टी और 151 नदियों के जल को चढ़ाया गया।
इस दौरान आरएसएस प्रमुख, उप्र के मुख्यमंत्री और राज्यपाल कुछ दूरी पर बैठे रहे।
वीएचपी नेता दिवंगत अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल और उनकी पत्नी भी समारोह में उपस्थित थे।
श्री राम तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष और मंदिर आंदोलन के प्रणेताओं में से एक महंत नृत्य गोपाल दास भूमिपूजन स्थल पर नहीं थे। हालांकि, प्रधानमंत्री की बैठक में वह मौजूद रहे।
ट्रस्ट के सचिव चंपत राय भी भूमि पूजन में उपस्थित नहीं थे।
समारोह में आए सभी संतों और आमंत्रितों को एक अलग स्थान पर बैठाया गया, जहां उन्होंने पूरे समारोह को एलईडी स्क्रीन पर देखा।
–आईएएनएस
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