नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार को अयोध्या स्थित रामजन्म-भूमि स्थल पहुंचने और मंत्रोच्चार के साथ भूमि -पूजन करने के साथ पांच अगस्त की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। इसके साथ ही भव्य राम मंदिर निर्माण कार्य का श्रीगणेश हुआ जोकि न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक सपना था बल्कि सामाजिक व धार्मिक दृष्टि से देश के एक बड़े वर्ग को इसका इंतजार था।
धोती और कुर्ता के परंपरागत परिधान में अयोध्या आगमन पर प्रधानमंत्री ने हस्त प्रक्षालन सबसे पहले दंडवत होकर रामलला विराजमान को प्रणाम किया। इसके बाद शंखनाद के बीच मोदी ने प्रार्थना और परिक्रमा की।
मोदी ने इसके बाद यहां मंदिर परिसर में पारिजात का पौधा लगाया और उसको सींचा।
इसके बाद 10वीं सदी में निर्मित हनुमान गढ़ी मंदिर में उन्होंने अर्चना की और फिर भूमि-पूजन का कार्य के लिए प्रस्थान किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ थे।
प्रधानमंत्री के साथ भूमि पूजन में संघ प्रमुख मोहन भागवत, उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। वेद मंत्रोच्चार साथ शुरू हुई पूजा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया था।
भूमि पूजन के लिए देश के विभिन्न हिस्सों की मिट्ी लाई गई और विभिन्न नदियों का जल भी लाया गया। इसके साथ 40 किलो चांदी की ईंट से भव्य राम मंदिर का शिलान्यास का कार्य आरंभ हुआ। प्रधानमंत्री ने भूमिपूजन कर राम मंदिर की आधारशिला रखी, जिसके बाद मंदिर निर्माण कार्य का श्रीगणेश हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 वर्षो बाद अयोध्या की धरती पर तब कदम रखा जब आज राम मंदिर निर्माण कार्य आरंभ हुआ।
प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से 11.30 बजे अयोध्या पहुंचे।
–आईएएनएस
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