लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर श्रमिकों और कामगारों को बड़ा तोहफा दिया। आज एक साथ 30 लाख श्रमिकों को भरण पोषण भत्ते का उपहार दिया गया। मुख्यमंत्री की तरफ से हर श्रमिक के खाते में एक-एक हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राज्य सरकार ने 30 लाख मजदूरों को भत्ते की किस्त जारी की है। साथ ही शुक्रवार को मई दिवस के मौके पर राशन देने की दूसरी किस्त की भी शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा, “आज हम एक बार फिर से अपने 30 लाख श्रमिक वर्ग को दूसरी बार भरण-पोषण भत्ता की राशि जारी कर रहे हैं।”
योगी ने आगे कहा, “आज हम उत्तर प्रदेश के 18 करोड़ लोगों को पोर्टेबिलिटी के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराने की कार्य योजना को आगे बढ़ा रहे हैं। उत्तर प्रदेश का कोई भी कामगार या श्रमिक अगर देश के किसी भी हिस्से में रहता है और उसके पास उसका राशन कार्ड नंबर है, तो उसके माध्यम से वहां के कोटे की दुकान से भी वो अपना राशन ले सकता है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी सरकार ने निर्माण श्रमिकों, रोज कमाने वाले ठेली, खोमचा, रेहड़ी, रिक्शा, ई-रिक्शा, कुली, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 16 श्रेणी के कामगारों धोबी, मिस्त्री, मोची, नाई, कुम्हार, राजमिस्त्री आदि के लिए भरण-पोषण भत्ता देने की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम 18 करोड़ लोगों को पोर्टेबिलिटी के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराने की कार्य योजना को आगे बढ़ा रहे हैं। हमने अब तक 2 चरणों में 18-18 करोड़ लोगों को उत्तर प्रदेश के अंदर खाद्यान्न उपलब्ध कराया है। पहले चरण में उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए जो हमारे कामगार, श्रमिक, मनरेगा मजदूर और अन्य नागरिक थे, उनको खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। दूसरे चरण में भारत सरकार की योजना के अंतर्गत निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। आज हम फिर से उत्तर प्रदेश के 18 करोड़ों नागरिकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराना शुरू कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन को निर्देश है कि हर पात्र का राशन कार्ड बनवाने के साथ ही उनको मानक के अनुसार तुरंत राशन भी मुहैया कराएं। इसके बावजूद जिनका अब तक राशन कार्ड नहीं बना है, उनको एसडीआरएफ के अंतर्गत फूड पैकेट उपलब्ध करा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “बिना भेदभाव के सबको समय से भोजन उपलब्ध कराना हमारी प्रतिबद्घता है। हम अपने प्रदेश के श्रमिकों के आर्थिक सुरक्षा के लिए भी लगातार कदम उठा रहे हैं। इस क्रम में 17 लाख लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने का काम शुरू हो चुका है।”
–आईएएनएस
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