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Congress vice president Rahul Gandhi. (File Photo: IANS)

मप्र में कांग्रेस के दिग्गज मजबूरी या मजबूती के लिए एकजुट?

 

भोपाल: मध्य प्रदेश की कांग्रेस इकाई में ऐसा नजारा कम ही देखने को मिलता है, जैसा बुधवार को दो स्थानों पर होने वाले उपचुनाव के नामांकन पत्र भरे जाने के दौरान दिखा। तमाम बड़े नेता (दिग्विजय सिंह के अलावा क्योंकि वे नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं) खुली जीप में रोड शो करते नजर आए। सवाल कई हैं, इसे मजबूरी का एका माना जा रहा है या वाकई में कांग्रेस की मजबूती के लिए सारे नेता गिले-शिकवे मिटाकर एक हुए हैं।

शिवपुरी के कोलारस और अशोकनगर के मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहे हैं। यहां मतदान 24 फरवरी को होने वाला है। दोनों स्थानों से कांग्रेस उम्मीदवारों महेंद्र सिंह यादव व ब्रजेंद्र यादव ने बुधवार को नामांकन पत्र भरे। दोनों स्थानों पर नामांकन भरने से पहले कांग्रेस का रोड शो हुआ, जिसमें खुली जीप में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह और प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव, प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया सवार थे। कार्यकर्ताओं में भी भारी उत्साह देखा गया।

राज्य की कांग्रेस की सियासत पर गौर करें तो कई-कई माह और वर्षो में ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं जब सारे नेता एक साथ एक मंच पर नजर आएं। कांग्रेस का इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि यहां कांग्रेस ने जब भी एकजुटता दिखाए, सफलता पाई और सिर्फ दिखावा किया तो असफलता झोली में आई। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां नेताओं या यूं कहें क्षत्रपों ने कांग्रेस को कांग्रेस रहने ही नहीं दिया। यहां कांग्रेस की पहचान उसके गुट रहे हैं।

राजनीति के जानकार कहते हैं कि पहले राज्य में नहीं तो केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व की सरकार थी, तो नेता और कार्यकर्ता अपने को ताकतवर मानता था, मगर अब न राज्य में हैं और न केंद्र में। इस स्थिति में कार्यकर्ताओं के साथ नेताओं में भी अलग तरह की छटपटाहट और बेचैनी है, लिहाजा वे किसी भी तरह सत्ता में वापसी चाहते हैं।

कांग्रेस नेताओं के एक मंच पर आने के सवाल पर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने आईएएनएस से कहा, “कांग्रेस का नेता और कार्यकर्ता कभी भी गुटों में बंटा नहीं रहा, वह हमेशा पार्टी की सोचता है, नेता किसी मजबूरी में नहीं पार्टी की मजबूती के लिए काम करते हैं, वही कुछ कोलारस और मुंगावली में हुआ है। बड़े नेताओं के आने से कार्यकर्ता उत्साहित होता है और इसका लाभ चुनाव में भी मिलता है, यह इन दोनों उप-चुनाव में दिखेगा भी।”

वहीं भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने नामांकन के दौरान हुए रोड शो पर तंज कसते हुए कहा, “जिस चीज का दिखावा किया जाए वह असल नहीं हो सकती। कांग्रेस का जो असली चेहरा है वह तो वर्षो से सबके सामने है, कांग्रेस के नेता हमेशा ही एक दूसरे को निपटाने में लगे रहते हैं, सिंधिया लगातार चेहरा बदलने की बात करते रहे हैं। बुधवार को जो हुआ वह मजबूरी में हुआ है। चुनाव के समय ही कांग्रेस यह दिखावा करती है। जनता इसे जान चुकी है।”

कांग्रेस में दिख रही एकता सवाल तो खड़े कर ही रही है। कुछ लोगों का मानना है कि गुजरात में कांग्रेस की स्थिति में आए सुधार और कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के हाथ में आने के बाद सभी नेता अपनी हैसियत में सुधार लाने में जुटे हैं। सिंधिया की राहुल से करीबी किसी से छुपी नहीं है, लिहाजा कोई भी नेता सिंधिया से सीधे टकराव लेने के मूड में नहीं है, वहीं सभी राज्य में सरकार चाहते हैं, जहां बात मुख्यमंत्री की आएगी, तब की तब देखेंगे, ऐसा मानस अधिकांश नेता बना चुके हैं। यही कारण है कि सभी नेता कोलारस व मुंगावली का विधानसभा उप-चुनाव जीतना चाहते हैं।

— आईएएनएस

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