नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को उनके प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने के बारे में की जा रही चर्चा को खारिज करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता केंद्र में भाजपा सरकार को हटाना है और इसके लिए विपक्ष को एक साथ आना चाहिए।
उन्होंने संसद भवन में मीडिया से कहा, “मैं कोई नहीं हूं। मैं बहुत सामान्य कार्यकर्ता हूं। मुझे एक आम आदमी रहने दीजिए। मैं चाहती हूं कि इस सरकार, भाजपा सरकार को अवश्य ही जाना चाहिए। वे लोग के साथ अधिकतम राजनीतिक प्रतिशोध और अत्याचार कर रहे हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि सभी को संगठित होना चाहिए। चलिए, साथ मिलकर काम करते हैं। प्रधानमंत्री उम्मीदवार के बारे में मत सोचिए। देश के बारे में सोचिए।”
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की मुखर विरोधी बनर्जी ने कहा कि 40 लाख लोग जिनके नाम सूची में नहीं हैं, वे इस देश के परिवार के सदस्य हैं।
उन्होंने कहा, “वे लोग कई राज्यों से संबंध रखते हैं। वे लोग हमारे परिवार के सदस्य है। उन्हें लोगों को यहां से जाने के लिए नहीं कहना चाहिए।”
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बंगाल में 11 अगस्त को रैली करने के बारे में बयान दिया है। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “उन्हें जाने दीजिए। उन्हें वहां 365 दिन जाने दीजिए। बंगाल सभी के लिए है। बंगाल सभी का स्वागत करता है। यह उनकी पार्टी की समस्या है।”
अमित शाह द्वारा घुसपैठ का मुद्दा उठाने और उनके (ममता) खून-खराबे वाले बयान के बारे में पूछे जाने पर ममता ने कहा, “मैं यह कह रही हूं कि भाजपा जो कर रही है, उससे बहुत खून-खराबा होगा। वे लोग आग से खेल रहे हैं।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता एल.के. आडवाणी समेत विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ मुलाकात पर उन्होंने कहा, “मैं सात बार संसद की सदस्य रही हूं। मैंने सभी से अच्छे संबंध बनाकर रखे हैं। यह एक शिष्टाचार भेंट थी।”
–आईएएनएस
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