एस.पी. चोपड़ा, नई दिल्ली। आज सम्पूर्ण विश्व में महर्षि महेश योगी जी के जन्म के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में महर्षि जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन एन.डी.एम.सी विल्डिंग के कन्वेन्शन सेन्टर कनाॅट प्लेस में स्पिरूचुअल रिजनरेशन मूवमेंट फाउन्डेशन आॅफ इण्डिया के द्वारा किया गया जिसमें ध्यान, योग को दुनियाभर में तेजी से बढ़ावा देने के लिए जोर दिया गया।
कार्यक्रम में महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति एवं फाउण्डेशन के चीफ सेक्रेटरी अजय श्रीवास्तव, संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी आनंद प्रकाश श्रीवास्तव, अदिति श्रीवास्तव समेत बड़़ी सख्ंया में महर्षि महेश योगी जी के अनुयायियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
इस समारोह में भजन संध्या का भी आयोजन किया गया जिसे अनुराधा पौडवाल की अनुपस्थ्ति में उनकी पुत्री कविता पौडवाल और उनके पुुु़त्र आदित्य पौडवाल ने तन मेरा मन्दिर शिव मेरी पुजा तथा यशोमति मैया से बोले नन्दलाला नामक भक्ति भजन से अपनी प्रस्तुती देकर महौल को भक्ति मय बना दिया। इसके साथ महर्षि महेश योगी जी के पंेटीग एक्जिविशन भी लगाया गया था।
अजय श्रीवास्तव ने कहा कि महर्षि जी का मुख्य उद्देश भारतीयवैदिक संस्कृति का सम्पूर्ण मानव जाति को भावातीत ध्यान बहोत सरल प्रक्रिया है जो मन की शांति के लिए किया जाता है क्योंकि मन की शांति से शरीर की शांति होती है उन्होने कहा कि अगर कई लोग मिल कर भावातीत ध्यान करते हैं तो समाज मे सकारात्मक माहौल बनता है।
भावातीत ध्यान एक अत्यन्त ही सहज सरल मानसिक क्रिया है जिसका नियमित अभ्यास करने से अनेकों लाभ होते हैं। महर्षि योगी जी ने ध्यान की जो कला शिखाई वह अदभुत है। महर्षि योगी ने योग मेडिटेशन को दुनिया के 157 देशों में फैलाने का कार्य किया है। संस्था द्वारा 142 स्कूल संचालित और एक विश्वविद्यालय संचालित किया जा रहा है।
महर्षि योगी ने 1971 में महर्षि इंटरनेशनल की स्थापन फील्ड, आयोवा अमेरिका में की थी, जिसे वर्तमान में महर्षि युनिवर्सिटी आॅफ मैनेजमेंट के नाम से संचालित किया जा रहा है।
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